Home Bihar Bihar Politics: सीएम नीतीश पर ‘पुराने साथी’ का तगड़ा अटैक, शराबबंदी पर आंकड़ों के साथ मांगे 10 सवालों के जवाब

Bihar Politics: सीएम नीतीश पर ‘पुराने साथी’ का तगड़ा अटैक, शराबबंदी पर आंकड़ों के साथ मांगे 10 सवालों के जवाब

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Bihar Politics: सीएम नीतीश पर ‘पुराने साथी’ का तगड़ा अटैक, शराबबंदी पर आंकड़ों के साथ मांगे 10 सवालों के जवाब

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नीलकमल, पटना:एक अप्रैल 2016 को बिहार में देशी शराब की बिक्री पर रोक लगा दी गई थी। इसके ठीक 4 दिन बाद यानी 5 अप्रैल को राज्य में एनडीए सरकार का नेतृत्व कर रहे मुख्यमंत्रीनीतीश कुमार(Nitish Kumar) ने अंग्रेजी शराब की बिक्री पर भी रोक लगाकर पूर्ण शराबबंदी कानून लागू कर दिया था। शराबबंदी वाले बिहार में 2016 से लेकर 2023 तक जहरीली शराब पीकर मरने वालों की तादाद 1000 से ऊपर पहुंच गई। वहीं पूर्ण शराबबंदी वाले राज्य (Bihar Liqour Ban News) में अवैध तरीके से दूसरे राज्यों में लाई गई सवा करोड़ लीटर से ज्यादा अंग्रेजी शराब भी पकड़ी गई।

सुशील मोदी ने नीतीश सरकार को घेरा

अगस्त 2020 के पहले जब आरजेडी विपक्ष में थी तब तेजस्वी यादव यह कहते थे कि बिहार में शराब की होम डिलीवरी हो रही है। आज वही नीतीश कुमार के साथ सत्ता में हैं और बीजेपी विपक्ष में है लेकिन सरकार पर आरोप वही है। अब सीएम नीतीश के पुराने साथी सुशील मोदी ने आवाज बुलंद की है। उन्होंने राज्य में शराबबंदी को लेकर नीतीश सरकार से 10 सवाल पूछे हैं।

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‘सवा 8 लाख लोगों पर हुए केस वापस ले सरकार’

पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने शराबबंदी कानून के तहत अभी तक गिरफ्तार सभी 8.35 लाख लोगों पर से मुकदमे वापस लेने पर जोर दिया। उन्होंने सरकार से कई सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि ये लाखों लोग हत्या, अपहरण, बलात्कार, बैंक लूट या ट्रेन डकैती जैसे किसी गंभीर अपराध में नहीं पकड़े गए हैं। इन्हें माफ कर सुधरने का कोई मौका दिया जाए। केवल शराब पीने के कारण इतनी बड़ी संख्या में जो लोग बिहार में ‘गुनहगार’ हैं, वे दूसरे राज्यों में होते तो अपराधी के श्रेणी में नहीं आते।

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सुशील मोदी ने उठाया ये बड़ा मुद्दा

सुशील मोदी ने आगे यह भी कहा कि शराबबंदी कानून के तहत केवल ऐसे गरीबों को जेल में डाला जा रहा है, जो 2000 हजार रुपये जुर्माना नहीं दे सकते। अमीर लोग आसानी से छूट जाते हैं। इस दौरान बीजेपी नेता ने सरकार से 10 सवाल पूछे हैं।

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सुशील मोदी ने सरकार से पूछे ये 10 सवाल

1.जब 6 साल के दौरान शराबबंदी कानून में तीन बार संशोधन किया जा सकता है, तो एक बार आम माफी क्यों नहीं दी जा सकती?
2.शराबबंदी से जुड़े 4.58 लाख मुकदमों का अभी तक निष्पादन क्यों नहीं हुआ?
3.शराब पीने के कारण जो 6.06 लाख लोग गिरफ्तार हुए, उन्हें सजा क्यों नहीं हो पायी?
4.शराब पीते पकड़े गए लोगों को गंभीर अपराधियों से अलग रखने के लिए डिटेंशन सेंटर क्यों नहीं बनाए गए?
5.शराब से जुड़े मामलों के त्वरित निष्पादन के लिए विशेष अदालतों के भवन आज तक क्यों नहीं बने?
6.जहरीली शराब पीने से मौत की 30 से ज्यादा घटनाएं हुईं, लेकिन एक भी शराब माफिया को सजा क्यों नहीं हुई?
7.शराबबंदी कानून के तहत अभी तक गिरफ्तार 8.35 लोगों में दलित, आदिवासी और पिछड़ा समुदाय के लोगों की संख्या कितनी है?
8.पासी समाज के लाखों लोगों के पुनर्वास की योजना क्यों विफल हुई?
9.नीरा उद्योग के प्रोत्साहन का वादा पूरा क्यों नहीं हुआ?
10.शराबबंदी के बाद राज्य में भांग, अफीम, गांजा जैसे मादक पदार्थों का सेवन क्यों बढ़ा?

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