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अजय आलोक ने इशारों ही इशारों में बिहार सरकार पर साधा निशाना
पार्टी से हटाए जाने के बाद डॉ अजय आलोक ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा, प्रकृति का नियम हैं मौसम बदलता है और आदमी भी बदलता है लेकिन मूल चरित्र नहीं बदलता , मैं आज से अपने मूल स्वरूप में रहूंगा, पाटलिपुत्र क्रांति की जननी रही हैं और मैं इस धरती का पुत्र हूं और इस साल की बारिश पूरे वेग में रहेगी। जय हिंद। इसके बाद उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बनाए जाने पर भी इशारों ही इशारों में बिहार सरकार पर निशाना साधा है।
जेडीयू में आएगा भूचाल
ऐसे बयानों को संकेत माना जा रहा है कि आने वाले समय में जेडीयू में भूचाल आएगा। कार्यकर्ता भी मानते हैं कि भले अभी लोगों के बीच खुल कर विरोध के स्वर नहीं उभर रहा हों, लेकिन आने वाले समय में विरोध को लेकर भय व्याप्त है। पार्टी के नेता इस मामले में खुलकर तो नहीं बोलते हैं, लेकिन वे साफगोई से इतना जरूर कहते हैं कि आरसीपी सिंह के बनाए गए प्रकोष्ठों को भंग कर दिया गया। आखिर प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और पदाधिकारी तो पार्टी नेतृत्व से खफा हैं।
सूत्र तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि पार्टी के कई विधायक भी केंद्रीय मंत्री आरसीपी के समर्थन में हैं, जो समय आने पर उनके साथ खड़े हो सकते हैं। सूत्र का दावा है कि जब आरसीपी पार्टी में दूसरे नंबर के नेता थे, तब उनके समर्थकों की पार्टी में पूछ थी, उसमें से भी कई आज विधायक भी हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफे की मांग भी कर चुके हैं।
जेडीयू में बिखराव की संभावना!
राज्यसभा का टिकट नहीं मिलने के बाद उनके केंद्रीय मंत्री बने रहने की संभावना नहीं के बराबर है। जिस तरह आरसीपी सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुरीद बने हैं, उससे इस संभावना को भी बल मिलता है कि कहीं वे बीजेपी में नहीं चले जाएं। बहरहाल, अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी है। हालांकि कहा भी जाता है कि राजनीति में कुछ भी संभव है। ऐसे में आरसीपी को लेकर जेडीयू में शीतयुद्ध जारी है और इससे पार्टी में बिखराव की संभावना को भी नहीं नकारा जा सकता है।
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