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दरभंगा में प्रदेश बीजेपी कार्यसमिति की बैठक
16-17 जनवरी को दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। इसके बाद अब राज्य स्तर पर कार्य समिति की बैठक होगी। बिहार बीजेपी ने 28-29 जनवरी को दरभंगा में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक तय की है। प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बताया कि इसके बाद जिलों और मंडलों की कार्यसमिति की बैठक होगी। दरभंगा में एम्स के निर्माण के लिए केंद्र और राज्य सरकार के बीच तनातनी चल रही है। संजय जायसवाल के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से दरभंगा एम्स निर्माण के लिए पैसा रिलीज किया जा चुका है लेकिन राज्य सरकार ने अब तक जमीन उपलब्ध नहीं कराया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस वजह से डर रहे हैं कि दरभंगा एम्स का निर्माण अगर हो गया तो उसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ना चला जाए। सिर्फ इसी वजह से नीतीश कुमार ने बिहार में होने वाले विकास के काम को रोका हुआ है।
G-20 के लिए 56 शहरों में पटना भी शामिल
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि राज्य के मंत्री बिहार की संस्कृति और हिंदुओं के धर्मग्रंथ का अपमान कर रहे हैं। देश की संस्कृति को बदनाम कर रहे हैं। लेकिन प्रधानमंत्री बिहार के गौरव को जानते हैं, इसलिए G-20 के शिखर सम्मेलन के लिए चयन किए गए देश के 56 शहरों में पटना को भी चुना गया है। पटना में जब G-20 देशों के प्रतिनिधि यहां पहुंचेंगे तो उन्हें बिहार की कला-संस्कृति से परिचय होगा। इसकी वजह से पूरी दुनिया में बिहार और पटना की चर्चा होगी।
2024 में कम से कम 36 लोकसभा सीट जीतने का लक्ष्य
संजय जायसवाल की मानें तो 2024 लोकसभा का चुनाव बीजेपी अपने दम पर लड़ेगी। उपचुनाव में बीजेपी को मिली जीत की चर्चा राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी की गई थी। बिहार में बीजेपी के बढ़ते जनाधार को देखते हुए ये तय किया गया है कि पार्टी अब अपने दम पर उतरेगी और 40 में से कम से कम 36 सीट जीतकर नरेंद्र मोदी को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का काम करेगी। जब हम जेडीयू के साथ गठबंधन में थे, तब 2019 के लोकसभा चुनाव में 17 सीटों पर चुनाव लड़े थे। 100 फीसदी का स्ट्राइक रेट दिया था। इस बार बीजेपी ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और कम से कम 36 सीटें हासिल करेगी।
क्या बीजेपी फिर नीतीश के साथ जा सकती है?
बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल से जब ये सवाल किया गया कि क्या नीतीश कुमार फिर से एनडीए में वापस आ सकते हैं? या बीजेपी उनके साथ जा सकती है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में अप्रासंगिक हो गए हैं। नीतीश कुमार को अब विपक्षी दल तवज्जो नहीं दे रहे हैं। बिहार की जनता ने भी नीतीश कुमार को नकार ही दिया है। यही वजह है कि चंद्रशेखर राव की रैली में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई नेता शामिल हुए लेकिन केसीआर ने नीतीश कुमार को पूछा तक नहीं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की स्थिति पहले क्या थी और अब क्या हो चुकी है।
‘चाचा-भतीजे की जोड़ी बिहार को कर रही बर्बाद’
नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की जोड़ी बिहार को जंगलराज की ओर धकेल कर बर्बाद कर रही है। ऐसा संजय जायसवाल ने कहा। उनके मुताबिक नीतीश कुमार हो या तेजस्वी यादव, इन्हें बिहार के विकास और लोगों की समस्या से मतलब नहीं है। इन लोगों का मकसद सिर्फ और सिर्फ सत्ता में बने रहकर अपना हित साधना है। नीतीश कुमार इतने चतुर है कि उन्होंने 2025 तक अपनी कुर्सी बचाते हुए तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने का झुनझुना पकड़ा दिया है। बिहार में जब भी विधानसभा चुनाव होंगे, बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आएगी। इसके बाद बिहार में डबल इंजन की सरकार के बाद विकास का नया दौर शुरू होगा।
बक्सर में ट्रेन को रोके जाने पर बताया- VIP कल्चर
समाधान यात्रा पर निकले नीतीश कुमार के काफिले के लिए बक्सर में रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रेन को रोके जाने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से जब इस विषय में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से लाल बत्ती और वीआईपी कल्चर को खत्म करने का काम किया। लेकिन नीतीश के काफिले के लिए ट्रेन को रोका जाना वीआईपी कल्चर की ओर इशारा करता है। उन्होंने कहा कि रेलवे के इस बात की जांच करनी चाहिए कि किसकी वजह से ट्रेन को रोका गया? जांच के बाद दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ रेलवे को कार्रवाई करनी चाहिए।
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