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निखिल आनंद ने कहा कि इससे पूर्व 9000 के लगभग मेडिकलकर्मियों और पंचायती राज विभाग सहित अन्य विभागों में भी पहले से ही नियुक्त किए गए थे। इन नियुक्त लोगों को भी दोबारा नियुक्ति पत्र बांट कर नियुक्ति घोटाला किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार की ओर से इवेंट मैनेजमेंट कर केवल सरकार की छवि बनाने की कोशिश की जा रही है। बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि सबसे दिलचस्प उदाहरण राजस्व कर्मचारियों की नियुक्ति का है। जिसके तहत 2 अगस्त 2022 को बिहार के तत्कालीन भूमि सुधार मंत्री राम सुरत राय ने 4325 राजस्व कर्मचारियों की नियुक्ति की। जिसके नियुक्ति पत्र जिलाधिकारियों के माध्यम से बांटे गए थे। इनका भी जिला आवंटन हो चुका है। पोस्टिंग की गई और पोस्टिंग को विभाग के वेबसाइट पर अपलोडिंग भी कर दिया गया था। इस संबंध में 3 अगस्त, 2022 को अखबार में छपी खबर भी छपी थी। इनको भी दोबारा नियुक्ति पत्र बांट कर इवेंट मैनेजमेंट बिहार सरकार ने किया।
दोबारा नियुक्ति पत्र बांटकर सरकार कर रही रिक्रूटमेंट फ्रॉड
निखिल आनंद ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री 20 लाख नौकरियों का दावा कर रहे हैं। ये नियुक्तियां एनडीए सरकार के दौरान हुई थी। मगर वर्तमान महागठबंधन सरकार इसे अपनी नियुक्ति बता कर दोबारा नियुक्ति पत्र बांटने का फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि बिहार की महागठबंधन सरकार का झूठ परत दर परत खुल रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव दोबारा नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं। जो कि नियुक्ति घोटाला और रिक्रूटमेंट फ्रॉड है। निखिल आनंद ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री अपनी जनता के आंख में धूल झोंक कर उसे बेवकूफ बनाने के प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए चाचा- भतीजा को बिहार की जनता से सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए।
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