Home Bihar Bihar Politics: क्या फिर से RJD में एंट्री चाहते हैं पप्पू यादव? लालू से मुलाकात और तारीफों से मिले नए संकेत

Bihar Politics: क्या फिर से RJD में एंट्री चाहते हैं पप्पू यादव? लालू से मुलाकात और तारीफों से मिले नए संकेत

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Bihar Politics: क्या फिर से RJD में एंट्री चाहते हैं पप्पू यादव? लालू से मुलाकात और तारीफों से मिले नए संकेत

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पटना: लंबे समय तक राज्य की राजनीति में अलग-थलग रहने के बाद पूर्व सांसद पप्पू यादव अब अपने पुराने मतभेदों को भुलाने के मूड में हैं।वो आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के साथ आने को बेताब नजर आ रहे हैं। पप्पू यादव को उत्तराधिकार के मुद्दे को उठाने और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण 2015 में राजद से निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी बना ली। लेकिन पिछले दो दिनों से पप्पू यादव को RJD के शीर्ष नेताओं से मिलते हुए और सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई के लिए लालू की प्रशंसा करते हुए देखा जा सकता है। माना जा रहा है कि ये RJD में उनकी दोबारा एंट्री की कोशिश है। जन अधिकार पार्टी चीफ पप्पू यादव को पिछले सात साल से नियमित रूप से लालू और उनकी वंशवादी राजनीति पर हमला करते देखा गया है।

अचानक लालू से क्यों मिले पप्पू यादव?
बुधवार को लालू प्रसाद यादव किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सिंगापुर चले गए। लेकिन उनके जाने से ठीक पहले अचानक दिल्ली में पप्पू यादव ने उनसे मीसा भारती के आवास पर पहुंचकर लालू का हालचाल लिया। कहने को तो ये सिर्फ एक शिष्टाचार भेंट थी। लेकिन इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। लालू से मिलने के बाद, उन्होंने राजद के कई शीर्ष नेताओं, जैसे अब्दुल बारी सिद्दीकी और भोला यादव के साथ उन मुद्दों पर मुलाकात की। हालांकि क्या बात हुई, ये बताने से पप्पू ने इनकार कर दिया।
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फिर से RJD में एंट्री की कोशिश
पप्पू यादव ने दिल्ली में एक समाचार चैनल से कहा कि ‘हम लोगों को मिलकर समान विचार धारा के साथ चलना होगा।’ हालांकि, पप्पू ने RJD में शामिल होने के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। लालू यादव से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए, यादव ने बाद में लालू को भारतीय राजनीति का एक लौह पुरुष तक बताया। उन्होंने कहा, ‘अब देश में साम्प्रदायिक सद्भाव, संविधान और सामाजिक न्याय के लिए लड़ने वाले बहुत कम लोग बचे हैं। लंबे समय तक उनका जीवित रहना अब जरूरी है क्योंकि देश संकट में है।’

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