![Bihar political Analysis : अग्निपथ के बहाने JDU कर रही BJP के खिलाफ सियासी साजिश? जानिए कैसे पहुंचा रही राजनीतिक नुकसान Bihar political Analysis : अग्निपथ के बहाने JDU कर रही BJP के खिलाफ सियासी साजिश? जानिए कैसे पहुंचा रही राजनीतिक नुकसान](https://muzaffarpurwala.com/wp-content/uploads/https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/msid-92319458,imgsize-55330/pic.jpg)
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‘भाजपा को टारगेट किया जा रहा, यह सरासर शासन की कमी’, अग्निपथ पर बवाल के बीच संजय जायसवाल ने बिहार सरकार को घेरा
संजय जायसवाल की ओर से लगाए गए आरोप के बाद दोनों प्रमुख दलों में दरार नजर आ रही है। जेडीयू पर सवाल उठाने के बाद जेडीयू ने भी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को पागल करार दे दिया गया। वहीं जेडीयू के एक दूसरे बड़े ने पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी संजय जायसवाल को गंभीरता से नहीं लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि ‘संजय जायसवाल इस तरह की बातें करते रहते हैं। जब कोई लगातार इस तरह की बातें करता है तो उसे परिवार के लोग गंभीरता से लेना छोड़ देते हैं।’ जेडीयू के दोनों बड़े नेता ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल के व्यक्तित्व को हल्का साबित कर दिया। ललन सिंह ने उन्हें पागल करार देते हुए कहा ‘उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है।’ वहीं, दोनों नेताओं ने बीजेपी की ओर से लगाए गए सवालों को भी सिरे से खारिज कर दिया।
गाड़ी पर झंडा छिपाकर चल रहे नेता और कार्यकर्ता
एक तरफ जहां राज्य सरकार की चुप्पी और प्रशासन के रवैए की वजह से बीजेपी के वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश की गई तो वहीं, संजय जायसवाल सहित बीजेपी के तमाम नेताओं पर हुए हमले से पार्टी की छवि और वोटरों पर असर पड़ना लाजमी है। हालत ये है कि बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता बीजेपी का झंड़ा छिपा कर चलने को मजबूर हैं। मंत्रियों के घर पर हमले की वजह से बीजेपी नेताओं की छवि पर असर पड़ेगा। वहीं, इस घटना का बीजेपी को दोहरा नुकसान हुआ हुआ दिखाई दे रहा है। राजनीति को समझने वालों का कहना है एक तरफ इस घटना बीजेपी की छवि पर तो असर पड़ा है ही। वहीं उपद्रव से भी बीजेपी का अपना वोटर भी नाराज हुआ है।
छवि और वोटर दोनों को पहुंचाया नुकसान
बिहार में अग्निपथ स्कीम पर छात्रों के आंदोलन पर बिहार सरकार की चुप्पी और प्रशासन के रवैए की वजह से केंद्र में नरेंद्र मोदी के फैसलों पर सवाल खड़े हो गए हैं। बिहार से शुरु हुई विरोध की आग देश के अन्य राज्यों तक पहुंची। जिसका नतीजा ये हो रहा है कि नरेंद्र मोदी के फैसलों पर सवाल उठ रहे है। बीजेपी का सवर्ण वर्ग जो उनका कोर वोटर है, वो मध्यम वर्ग से आता है। सेना बहाली में उसका प्रतिशत सबसे ज्यादा है। ज्यादातर वो युवा फौज में जॉब का सपना बचपन से ही देखते हैं। इनमें बीजेपी के सवर्ण वोटर भुमिहार, राजपूत ब्राह्मण हैं। उपद्रव के दौरान सबसे ज्यादा नौकरी पेशा, रोजमर्रा की रोजी रोटी कमाने वाले प्रभावित हुए। जो शांति से रोजी कमाने निकलते हैं। बिहार में मचे उत्पात ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ परसेप्शन खराब करने में बड़ी भूमिका निभाई है। लिहाजा जेडीयू ने बीजेपी को एक साथ कई राजनीतिक नुकसान पहुंचाया है।
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