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‘शुद्र भी पढ़-लिख गया है’
अपने संबोधन के दौरान बिहार के शिक्षा मंत्री ने विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि लोग गरीब और पिछड़े समुदाय के लोगों पर जुल्म ढाते थे। गरीब और पिछड़े के खिलाफ साजिश रचते थे। गरीब और वंचितों से हिंदुवाद के नाम पर वोट और चंदा लिए। लेकिन कभी भी गरीबों और पिछड़ों को सम्मान नहीं दिया। आगे उन्होंने कहा कि जिन धर्म ग्रंथों में शुद्र को नीच बताया गया, आज वह शुद्र भी पढ़-लिख गया है।
अंगूठा नहीं, जवाब देना जानता है: शिक्षा मंत्री
बिहार के शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि हम एकलव्य की संतान है। एकलव्य की संतान अंगूठा देना नहीं, जवाब देना जानता है। आगे उन्होंने कहा कि हम शहीद जगदेश प्रसाद की संतान हैं, कुर्बानी देना नहीं, कुर्बानी लेना जानते हैं।
रामचरितमानस को बताया था नफरत फैलाने वाला ग्रंथ
बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री ने पिछले दिनों एक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे। समारोह में डॉ चंद्रशेखर ने रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी करते हुए नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया। बिहार के शिक्षा मंत्री के बयान के बाद बिहार से लेकर दिल्ली तक सियासत गरमा गई। उत्तर प्रदेश में तो अभी भी सियासत चरम पर है।
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