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ऐसे शुरू हुआ मामला
शाहपुर ओपी की पुलिस को यह जानकारी मिली कि बोझवां गांव के सामुदायिक भवन के समीप कुछ लोग हंगामा कर रहे हैं। तब पुलिस वहां पहुंची और हंगामा कर रहे दो लोगों को पकड़ लिया। जबकि दो आरोपी भग निकले थे। आरोपियों को पकड़ने में पुलिस के साथ हाथपाई हुई थी। पुलिस ने बोझामा गांव निवासी 40 वर्षीय विशंभर मांझी और उसके भाई बोरा उर्फ बौरही मांझी को हिरासत में ले लिया था। ब्रेथ एनालाइजर से जांच में दोनों के शराब के नशे में होने की पुष्टि हुई। यह घटना 4 जून की रात लगभग 8 बजे की बताई गई है।
अगले दिन हुई पेशी, पुलिस पर पिटाई का आरोप
गिरफ्तारी के अगले दिन यानि 5 जून को पुलिस ने दोनों आरोपितों को विशेष उत्पाद न्यायाधीश, कोर्ट संख्या-2 सह अपर जिला एव सत्र न्यायाधीश-12 अमित कुमार पांडेय के समक्ष पेश किया। जहां बोरा मांझी ने न्यायाधीश को बताया कि पुलिस अभिरक्षा में उसके साथ बेरहमी से मारपीट की गई है। उसने अस्वस्थ्य होने की बात भी न्यायाधीश को बताई।
कोर्ट ने दिए इलाज के आदेश, थानेदार से जवाब-तलब
अदालत ने अभियुक्त बोरा मांझी की बातों को ऑन रिकॉर्ड लेते हुए काराधीक्षक को बंदी का इलाज करने का निर्देश दिया। साथ ही शाहपुर ओपी प्रभारी को 24 घंटे के अन्दर कारण बताओ नोटिस जारी किया। कोर्ट ने आदेश दिया कि नोटिस में स्पष्ट करें कि किस परिस्थिति में बोरा मांझी के साथ पुलिस अभिरक्षा में मारपीट की गई है। वहीं अदालत ने मामले के जांचकर्ता को 24 घंटे के अन्दर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।
पेशी के दौरान तबीयत हुई ज्यादा खराब
पेशी के दौरान ही बोरा मांझी की तबीयत अधिक खराब हो गई थी। अदालत में उपस्थापित होने के तुरंत बाद ही उसकी मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शी की मानें तो मौत से पहले उसने उल्टी की।
ओपी प्रभारी ने कोर्ट में दिया जवाब
अभियुक्त बाेरा मांझी की मौत की जानकारी मिलते ही शाहपुर ओपी प्रभारी बिभा कुमारी अदालत पहुंची और लिखित सूचना दी कि मामले के जांचकर्ता की तबीयत खराब होने के कारण पेशी के समय वे स्वयं मौजूद नहीं रहे। अदालत को यह भी बताया कि मौत इलाज के दौरान हो गई।
पत्नी व परिजनों के आरोप ज्यादा गंभीर
पुलिस जहां एक ओर कह रही है कि सामुदायिक भवन के पास से गिरफ्तारी की गई। वहीं सोमवार को मौत के खिलाफ वारिसलीगंज-बरबीघा सड़क को बोझवां गांव के समीप जाम कर रहे परिजनों व ग्रामीणों ने जो कुछ बताया, वो पुलिस की थ्योरी से भिन्न है। पत्नी शर्मीला देवी ने बताया कि शनिवार को चौकीदार के निशानदेही पर कई घरों में पुलिस छापेमारी करते हुए उनके घर पहुंची। जहां वे सभी परिवार के सदस्य खाना खा रहे थे। इसी क्रम में गोरे मांझी ने चौकीदार को गाली देते हुए कहा कि तुम बार-बार हमारे घर में पुलिस ले आते हो, खोज लो कहां दारु है। इसके बाद पुलिस मारपीट करते हुए बोरा मांझी व विश्वंभर मांझी को शाहपुर थाना ले गई।
पत्नी ने बताया कि सुबह थाने पति से मिलने गई तो पति ने अपनी चोट दिखाते हुए कहा कि हमें मारपीट के कारण रात से पेशाब करने में परेशानी हो रही है। जब शर्मिला ने थानाध्यक्ष से इलाज कराने को कहा तो डांट कर भगा दिया गया। उन्होंने कहा कि रविवार को भी हमारे पति के साथ थाने में मारपीट की गई। इसके कारण कोर्ट में ही पेशी के दौरान मृत्यु हो गई।
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