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शाम 5:18 पर रिहाई के साथ आनंद मोहन ने सभी को बेटी की शादी का न्यौता दिया।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई की खबर को लेकर जहां एक ओर राजनीतिक सियासत गर्म हो गई है वहीँ दूसरी ओर नीतीश सरकार भी आरोपों से घिरने लगी है। यह बात अब राजनीतिक गलियारे से निकलते हुए कोर्ट तक पहुंच गया है। दरअसल आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में बिहार सरकार द्वारा जारी अधिसूचना/परिपत्र को निरस्त करने हेतु लोकहित याचिका दायर किया गया है।
क्या है दायर किए गए जनहित याचिका में
10 अप्रैल .2023 को बिहार कारागार नियमावली, 2012 के नियम 481(i)(क) में संशोधन कर “ड्यूटी पर तैनात लोक सेवक की हत्या” वाक्य को हटाए जाने के विरुद्ध एक जनहित याचिका दायर की गई है। सामाजिक कार्यकर्ता अमर ज्योति ने अपने अधिवक्ता अलका वर्मा के द्वारा इस जनहित याचिका को दायर किया है जिसमें बिहार सरकार के बिहार कारागार नियमावली, 2012 के नियम 481(i)(क) में किए गए संशोधन को गैरकानूनी बताया गया है।
क्या लिखा है जनहित याचिका में
जनहित याचिका में बताया गया है कि यह अधिसूचना कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल असर डालने वाली है। इतना ही नहीं यह ड्यूटी पर मौजूद लोक सेवकों और आम जनता के मनोबल को गिराती है। इस अधिसूचना द्वारा स्थापित एकमात्र उद्देश्य अपराधियों के मनोबल को बढ़ाना और उन्हें और अधिक निडर बनाना है। इस मामलें की सुनवाई कब होगी फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है।
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