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इस मामले पर शिक्षा विभाग के लोगों ने माना है कि यहां पर इस तरह की घटना हुई है। लेकिन यहां मिड डे मील का भोजन स्कूल की ओर से न पकाकर किसी आउटसोर्सिंग से बनवा कर मंगाया जाता है। उसी से गड़बड़ी हुई है। स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर काफी रोष है कि अगर आउटसोर्सिंग एजेंसी की हरकत से कई निर्दोष बच्चों की जान एक बार फिर जा सकती थी।
सारण में पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
गौरतलब है कि सारण में इसके पहले इस तरह की एक बड़ी घटना हो चुकी है। उसके बाद भी सारण का शिक्षा विभाग चेत नहीं रहा है और एक बार फिर इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति हो सकती थी है।
किसी की साजिश है यह घटना: हेड मास्टर
घटना को लेकर स्थानीय लोगों में शिक्षा विभाग के अधिकारियों और स्कूल के कर्मचारियों के प्रति काफी रोष है। हालांकि जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए डॉक्टरों की एक टीम संबंधित विद्यालय में भेजा है। टीम ने सभी बच्चों की जांच की। जांच में बच्चे पूरी तरह से सकुशल हैं। वहीं िस मामले पर स्कूल के हेड मास्टर अनिल कुमार बताया कि मिड डे मील के तहत यहां पका हुआ भोजन आता है। ऐसे में यह किसी की साजिश है। स्कूल को बदनाम करने की।
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