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जानकारी के मुताबिक, मांझागढ़ प्रखंड के फुलवरिया गांव के रहने वाले शंभू राम के परिजन विश्वनाथ राम पेड़ पर से गिर गए थे। इसके बाद उन्हें गंभीर चोट आई थी। शंभू राम के मुताबिक, अपने भाई को निजी गाड़ी से लेकर वे गोपालगंज सदर लेकर पहुंचे थे। लेकिन यहां पर गाड़ी चालक उन्हें अस्पताल के गेट पर छोड़ कर वापस चला गया। शंभू राम के मुताबिक, लाख गुहार के के बाद भी उन्हें अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई भी स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं कराया गया। इसके बाद वे परिजन को गोद में लेकर अस्पताल परिसर में इधर उधर भटकते रहे।
न बेड मिला और ना ही इलाज शुरू हुआ
उन्होंने बताया कि मरीज की हालत ज्यादा खराब है। परिजनों के मुताबिक, इमरजेंसी वार्ड में मौजूद कर्मियों से वे स्ट्रेचर और बेड के लिए गुहार लगाते रहे। लेकिन उन्हें इलाज के लिए ना तो बेड उपलब्ध कराया गया और ना ही इलाज शुरू किया गया। विडंबना है कि इमरजेंसी वार्ड में ले जाने के लिए मरीज को स्ट्रेचर तक मुहैया नहीं कराया गया है। इस वजह से मरीज को उसके परिजन अपनी गोद में लेकर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड तक ले गए।
मामले की जांच कराएंगे: सीएस डॉ वीरेंद्र प्रसाद
पीड़ित शंभू राम के मुताबिक, करीब 1 घंटे तक वे अस्पताल परिसर में इधर उधर भटकते रहे। लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। थक-हार के उन्होंने मरीज को फर्श पर ही लिटा दिया। हालांकि इस मामले में जब सीएस डॉ वीरेंद्र प्रसाद से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। वे इसकी जांच कराएंगे। बता दें, गोपालगंज सदर अस्पताल आईएसओ 9001-2008 सर्टिफाइड है। बावजूद इसके यहां सुविधा नदारद है।
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