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नई दिल्ली. बिहार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग मंत्री जिबेश कुमार (IT Minister Jibesh Kumar)ने कहा कि ई-गवर्नेंस और सुशासन के दृष्टिकोण ने राज्य के आईटी क्षेत्र में निवेश करने के लिए निवेशकों के लिए नए दरवाजे खोले हैं. बिहार इंवेस्टर फ्रेंडली नीति बनाने पर बल दे रहा है. अब इंवेस्टर बिहार में अपनी संभावना देख रहे हैं. बड़े पैमाने पर निवेश का प्रस्ताव राज्य को मिल रहा है.
आईटी मंत्री जिबेश कुमार ने कहा कि 29वां कन्वर्जेंस इंडिया एक्सपो 2022 (Convergence India Expo 2022) में आईटी विभाग, बिहार सरकार (बिहार सरकार) को 800 करोड़ रुपए से ज्यादा का प्रस्ताव मिला है. यह प्रस्ताव डाटा सेंटर एवं अन्य में निवेश को लेकर मिला है. निवेशकों में बिहार के आईटी क्षेत्र में निवेश को लेकर यहां गजब का उत्साह देखा गया.
बताते चलें कि सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (Information Technology), बिहार सरकार की ओर से नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में तीन दिवसीय भारत व्यापार संवर्धन संगठन (ITPO) और एग्जीबिशन इंडिया ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में 29वां कन्वर्जेंस इंडिया एक्सपो आयोजित किया गया. 23 से 25 मार्च तक आयोजित एग्जीबिशन में मंत्री जिबेश कुमार ने प्रदर्शनी के आखिरी दिन बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की.
कन्वर्जेंस इंडिया एक्सपो में मंत्री जिबेश कुमार ने प्रदर्शनी के आखिरी दिन बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की.
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अगले दस सालों में बिहार को आईटी में अग्रणी राज्य बनाने का लक्ष्य
मंत्री जिबेश कुमार ने कहा कि बिहार अगले 10 साल में आईटी के क्षेत्र में देश का प्रमुख व अग्रणी राज्य होगा. उन्होंने कहा कि बिहार इंवेस्टर फ्रेंडली नीति बनाने पर बल दे रहा है. सरकार नीति को निवेशक की सहूलियत को ध्यान में रखकर बनाती है. स्टार्टअप एवं आईडिया को लेकर बात करते हुए जिबेश कुमार ने कहा कि बिहार पहला राज्य होगा जो स्टार्टअप के लिए आइडिया लाने वालों के लिए विद्या उद्यमी योजना लेकर आ रहा है.
बिहार में अब इन्वेस्टर तलाश रहे हैं संभावनाएं
इस योजना के तहत स्टार्टअप से पहले उसके आईडिया पर काम करने वाले छात्र एवं लोगों को सरकार की तरफ से वित्तीय सहायता सहित सभी प्रकार से सहयोग किया जाएगा. उन्होंने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर, बिजली, पानी एवं इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में बिहार में क्रांतिकारी बदलाव हुआ है. यही कारण है कि अब इंवेस्टर बिहार में अपनी संभावना देख रहे हैं. बड़े पैमाने पर निवेश का प्रस्ताव राज्य को मिल रहा है.
स्मार्ट सिटी नहीं, स्मार्ट विलेज पर काम कर रही नीतीश सरकार
उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में बिहार को 30 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश का प्रस्ताव मिला है. आज जब लोग स्मार्ट सिटी की बात कर रहे हैं तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इससे एक कदम आगे स्मार्ट विलेज पर काम कर रहे हैं. आज राज्य के गांव-गांव में सड़क, पानी, बिजली एवं अन्य बुनियादी जरूरतों को बेहतर बनाने पर काम किया जा रहा है.
मंत्री जिबेश कुमार ने कहा नीतीश कुमार स्मार्ट सिटी से एक कदम आगे निकलकर स्मार्ट विलेज पर काम कर रहे हैं.
कोरोना महामारी के दौरान शुरू की गईं ये सभी पहल
बिहार सरकार के आईटी विभाग द्वारा कोरोना महामारी में भी सरकारी प्रणाली को बचाए रखने के लिए पहले से ही की गई कुछ प्रमुख पहलों की शुरूआत गई जिसमें ई-ऑफिस प्रमुख रूप से शामिल है. ई-ऑफिस की मदद से बिहार सरकार का कोई भी कर्मचारी अब अपना काम कहीं से भी कर सकता है. इससे न सिर्फ काम करने की उत्पादकता बढ़ी बल्कि सरकारी कामों में पारदर्शिता भी आई है. इसके अलावा ई-विधान एप्लिकेशन, सीएफएमएस, बीसीडीसी, बीएसडब्लूएएन, बीएएएफ, ई-प्रोक्यूरमेंट (ईप्रोक-2.0) आदि पहलें भी हैं.
कृषि उत्पादकता बढ़ाने को खुलेगा कृषि सीओई
बिहार सरकार की तरफ से लगातार आईटी विभाग के अनुसंधान केंद्रों पर भी जोर दिया जा रहा है और प्रारंभिक योजना (आईओटी) के हिस्से के रूप में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा विज्ञान, साइबर सुरक्षा और साइबर फोरेंसिक, और इंटरनेट ऑफ थिंग्स के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास शुरू करने के लिए सी-डैक को वित्त पोषित किया है. उन्होंने कहा कि बिहार एक कृषि समृद्ध राज्य है. इसको बढ़ावा देने के लिए जल्द ही प्रौद्योगिकी के नवीन उपयोग द्वारा कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए एक कृषि सीओई भी खोला जाएगा.
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