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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
द्वारा प्रकाशित: रोमा रागिनी
अपडेट किया गया सोम, 14 फरवरी 2022 01:37 अपराह्न IST
सार
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद ने पार्टी की छवि बदलने की कोशिश की है। आरजेडी ने बिहार विधान परिषद चुनाव में सवर्ण वोटों को साधने के लिए नई तरकीब लगाई है।
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विस्तार
लालू प्रसाद यादव की पार्टी पर शुरू से मुस्लिम- यादव की पार्टी होने का आरोप लगता आया है। इन्हीं दो वर्गों के वोटों के कारण पार्टी लंबे समय तक बिहार की सत्ता में काबिज रही। बिहार की राजनीति में यादव और मुस्लिमों का कुल वोट 32 प्रतिशत है लेकिन इस बार आरजेडी ने सवर्ण वोट अपने खेमे करने के लिए नई तरकीब लगाई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद ने अपनी छवि बदलने की कोशिश की है। इस बार राजद ने बीजेपी के सवर्ण वोटों को साधने के लिए बिहार विधान परिषद चुनाव के 24 सीटों में से 21 प्रत्याशियों की घोषणा की है। इस बार एक चौथाई सीटों पर भूमिहार प्रत्याशी को उतारा गया है।
इन सीटों पर भूमिहार प्रत्याशी
आरजेडी ने पांच सीटों पर भूमिहार प्रत्याशी उतारे हैं। पटना से कार्तिक कुमार, पश्चिमी चंपारण से सौरभ कुमार, पूर्वी चंपारण से राजेश कुमार रौशन, मुजफ्फरपुर से शंभू सिंह, मुंगेर से अजय सिंह हैं।
4 राजपूत उम्मीदवार पर भी दांव
दूसरी ओर राजपूत जाति से भी 4 उम्मीदवारों पर दांव लगाया गया है। जिसमें औरंगाबाद से अनुज सिंह, रोहतास से कृष्ण सिंह, सहरसा से डॉ.अजय सिंह और गोपालगंज से दिलीप सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं पार्टी ने एक वैश्य को प्रत्याशी बनाया है। सीवान से विनोद जायसवाल को सीवान से प्रत्याशी बनाया गया है।
यादव जाति के 8 मैदान में
वहीं राजद ने 8 यादव उम्मीदवार बनाए हैं। जिसमें गया से रिंकू यादव, दरभंगा से उदय शंकर यादव, वैशाली से सुबोध राय, भोजपुर से अनिल सम्राट, सीतामढ़ी से कब्बू खिरहर यादव, कटिहार से कुंदन कुमार और बेगूसराय-खगड़िया से मनोहर यादव को उम्मीदवार बनाया गया है। भागलपुर में सीपीआई से संजय यादव को टिकट दिया गया है।
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