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पटना एमएलसी सीट पर आरजेडी ने नया दांव आजमाया था। राजनीतिक प्रतिष्ठा की वाली इस सीट पर मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह उर्फ छोटे सरकार पर भरोसा जताया। आरजेडी एमएलए के करीबी कार्तिकेय सिंह उर्फ मास्टर साहेब की उम्मीदवारी पर लालू यादव ने मुहर लगाई थी। मास्टर कार्तिक के नॉमिनेशन में आरजडी के तमाम बड़े नेताओं ने शिरकत की थी। लालू यादव ने साफ-साफ पहले ही बता दिया था कि हर हाल में कार्तिकेय सिंह की जीत सुनिश्चित होनी चाहिए। जिसका नतीजा ये रहा कि किसी तरह की गुटबाजी देखने को नहीं मिली। दानापुर से आरजेडी विधायक रीतलाल यादव, जो अपने भाई को पटना से एमएलसी का टिकट दिलाना चाहते थे, खुद चुनाव में पसीना बहाते दिखे। अनंत सिंह के सामने नसमस्तक हो गए थे।
‘मास्टर कार्तिक’ और ‘छोटे सरकार’ की दोस्ती
पटना के नए नवेले आरजेडी एमएलसी कार्तिकेय सिंह अपने समर्थकों के बीच ‘कार्तिक मास्टर’ के नाम से मशहूर हैं। अनंत सिंह जब से राजनीति में आए, उसी समय से कार्तिकेय सिंह उनके करीबी रहे हैं। 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिक मास्टर और अनंत सिंह की दोस्ती परवान चढ़ी। बाद में अनंत सिंह के अहम चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिक मास्टर को पहचान मिली। कहा तो यहां तक जाता है कि अनंत सिंह के साम्राज्य को भी कार्तिक मास्टर संभालते हैं। पर्दे के पीछे रहकर तमाम गोटियां सेट करते हैं। राजद विधायक अनंत सिंह के अच्छे-बुरे और हर सुख-दुख के सबसे बड़ा साथी मास्टर कार्तिक ही रहे हैं। अनंत सिंह उन्हें ‘मास्टर साहेब’ कहकर बुलाते हैं। वैसे सियासत की राह पकड़ने से पहले कार्तिकेय सिंह स्कूल में पढ़ाते थे। वो एक शिक्षक थे। यही वजह रही कि उनके नाम के साथ ‘मास्टर’ शब्द जुड़ गया। कार्तिकेय सिंह भी मोकामा के रहनेवाले हैं और उनके गांव का नाम शिवनार है। कार्तिक मास्टर की पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार से मुखिया हैं।
अनंत सिंह ने गड़बड़ा दिया जेडीयू का मैनेजमेंट
पटना विधान परिषद सीट जीतने की गारंटी लालू यादव को अनंत सिंह ने दिया था। इसके बाद सियासी गोटियां सेट करने में माहिर लालू यादव ने कैलकुलेशन के बाद कार्तिकेय कुमार के नाम की खुद घोषणा की। इधर, जेडीयू के भूमिहार नेताओं से अनंत सिंह का छत्तीस का आंकड़ा किसी से छिपा नहीं है। अनंत सिंह फिलहाल पटना के बेऊर जेल में बंद हैं। रिजल्ट आने से पहले उनके वार्ड में छापेमारी हुई थी, जहां से मोबाइल भी बरामद किया गया। वैसे, विधान परिषद चुनाव में अलग-अलग राजनीतिक दल के दिग्गजों को उनके घर में ही हार का सामना करना पड़ा है। मोकामा से आनेवाले जेडीयू के कुछ नेता अनंत सिंह को मात देने की जुगत में लगे रहे, मगर बाजी छोटे सरकार के हाथ लगी। आमतौर पर माना जाता है कि पटना और उसके आसपास का इलाका बीजेपी का गढ़ है। लेकिन, एनडीए की ओर से जेडीयू उम्मीदवार वाल्मीकि सिंह तीसरे नंबर पर खिसक गए। नीतीश कुमार को पटना के प्रतिष्ठित सीट पर मुंह की खानी पड़ी।
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