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भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी।
– फोटो : ANI
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बिहार में जहरीली शराब से हो रही मौत पर सरकार की ओर से मुआवजा देने की मांग को लेकर पक्ष और विपक्ष में तकरार जारी है। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार को बिहार में सारण जहरीली शराब त्रासदी के पीड़ित परिवार के सदस्यों को मुआवजा देने की भाजपा की मांग को गैरजिम्मेदाराना करार दिया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रमुख राजनीतिक सहयोगी कुशवाहा ने कहा कि सरकार अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों का साथ नहीं दे सकती। उन्होंने संवाददाताओं से सवाल किया कि अगर कोई अवैध रूप से बम बना रहा है और इस प्रक्रिया में मारा जाता है तो क्या यह सरकारी मुआवजे का मामला बनता है?
बता दें कि सारण जहरीली शराब त्रासदी में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई है। यह राज्य में अप्रैल 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से सबसे बड़ी घटना है। हालांकि, कई अपुष्ट रिपोर्टों में मरने वालों की संख्या 50 से अधिक बताई गई है। भाजपा जहरीली शराब त्रासदी के पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग कर रही है। वह सदन से लेकर सड़क तक इस मुद्दे पर आक्रामक है। दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री का कहना है कि मुआवजा शराबबंदी के उद्देश्य को विफल कर देगा।
बेवजह जिद पर अड़े हैं नीतीश : सुशील मोदी
इस बीच, भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने नीतीश के बेवजह जिद पर अड़े होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून में शराब त्रासदी के पीड़ितों को मुआवजे के लिए प्रावधान किया गया था। सुशील मोदी ने शराबबंदी से संबंधित 2016 के बिहार आबकारी कानून के एक खंड का हवाला देते हुए दावा किया कि संदिग्ध नकली शराब के सेवन से मरने वालों के आश्रितों को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने पर विचार किया जा सकता है। नीतीश मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री रहे मोदी ने सारण में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या सौ से अधिक होने का दावा किया। उन्होंने कहा कि प्रशासन लोगों को डरा रहा है ताकि वे बिना पोस्टमार्टम के शवों का अंतिम संस्कार कर दें।
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