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बिहार में बिजली महंगी, दरें बढ़ीं…शहरी क्षेत्र पर प्रभाव समझें।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली दर बढ़ाने की कंपनियों की दलीलों और राहत के लिए उपभोक्ताओं की मांग पर विमर्श के बाद गुरुवार को 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होने वाली बिजली दरों की घोषणा कर दी। इन दरों में राज्य के अनुदान, यानी सब्सिडी का जिक्र नहीं है। मतलब, सब्सिडी का फैसला आने के बाद असल में पता चलेगा कि उपभोक्ताओं की जेब पर कितना प्रभाव पड़ेगा। एक लाइन में यह है कि दरें 24.1 प्रतिशत बढ़ीं, लेकिन यह एक आम उपभोक्ता कैसे समझे! इसलिए, ‘अमर उजाला’ ने आम उपभोक्ताओं की प्रमुख सात श्रेणियों पर आयोग के ताजा फैसले का पूरा हिसाब-किताब सामने ला रहा है। राज्य के ज्यादातर उपभोक्ता इन्हीं श्रेणियों के तहत बिजली का उपयोग करते हैं। सब्सिडी की घोषणा होगी तो उसका अंदाजा भी इस हिसाब से निकाला जा सकेगा।
::कुटीर ज्योति::
गरीबी रेखा से नीचे (BPL) रहे परिवारों के लिए यह कनेक्शन होता है। यह शुरुआत में झोपड़ी या कच्चे मकान के लिए कनेक्शन था, हालांकि इंदिरा आवास वाले BPL को भी इसी श्रेणी में बिजली मिल रही है। एक वक्त में 250 वाट से कम बिजली जलाने और महीने में 50 यूनिट से कम खपत करने वाले को कुटीर योजना का कनेक्शन मिलता है। 50 यूनिट से ज्यादा खपत पर घेरलू सेवा-1 (ग्रामीण) या घरेलू सेवा-2 (शहरी) का रेट प्रभावी होगा।
- फिक्स्ड चार्ज था 10 रुपये माहवार, अब 20 रुपये माहवार
- एनर्जी चार्ज 6.10 रुपये की जगह अब 7.57 रुपये प्रति यूनिट
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