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चुनाव की सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
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निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने की तैयारी पूरी करने के बाद रविवार को बिहार नगर निकाय चुनाव के लिए मतदान होगा। पहले चरण में होने वाले चुनाव के लिए मतदाता वार्ड पार्षद, मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद के लिए मतदान करेंगे।
नहीं कर सकेंगे फर्जी वोटिंग
नगर निकाय चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग पूरी तैयारी कर चुका हैं। मतदान करने से पहले बूथ पर मतदाता का फोटो वोटरलिस्ट से मिलाया जाएगा। जिससे फर्जी मतदाता की पहचान हो जाएगी। साथ ही दूसरी वोट डालना भी इस स्थिति में आसान नहीं होगा। पोल डे डैशबोर्ड, रियल टाइम वोटर टर्निंग रिपोर्ट और ईवीएम ट्रैकिंग एप का पहली बार इस्तेमाल आयोग की तरफ से किया जा रहा है। हर बूथ पर छह मतदान कर्मियों की तैनाती की गई है। पहले चरण में प्रदेश की 156 नगर निकाय, 68 नगर परिषद और 88 नगर पंचायत के लिए मतदान होगा।
दो चरणों में होंगे चुनाव
नगर निकाय चुनाव दो चरणों में होने है। 18 दिसंबर (आज) पहले चरण में मतदान होगा। इसकी 20 दिसंबर को मतगणना की जाएगी। वहीं, दूसरे चरण के लिए वोटिंग 28 दिसंबर को होगी, जिसकी 30 दिसंबर को काउंटिंग की जाएगी। इससे पहले अति पिछड़ा आयोग द्वारा डेडिकेटेड कमीशन बनाने को लेकर चुनाव को स्थगित कर दिया गया था। बता दें कि पहले चरण के चुनाव की तारीख 10 दिसंबर रखी गई थी। वहीं दूसरे चरण के चुनाव की तारीख 20 दिसंबर रखी गई थी। इस पर पटना हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी। अति पिछड़ा आयोग के कमेटी बनाने को लेकर विवाद छिड़ा था। कोर्ट के आदेशों के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने अक्टूबर में ही कमेटी का गठन कर लिया था। इसके बाद इस दिशा में काम होना शुरू हो गया था। कुछ दिन पहले ही कमेटी का कहना था कि जल्द ही रिपोर्ट सौंप दी जाएगी, जिससे कि निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो जाएगा। आज बुधवार को निकाय चुनाव की तारीख का एलान हो गया है।
इससे पहले क्या हुआ था
बिहार निकाय चुनाव में अति पिछड़ा के आरक्षण पर पटना हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी, जिसके बाद निकाय चुनाव को स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद बिहार सरकार ने हाई कोर्ट का रुख किया और अदालत के आदेश के बाद अक्टूबर में नीतीश सरकार ने पिछड़ा आयोग के लिए कमीशन का गठन किया था। बिहार सरकार की ओर से यह कहा गया था कि आयोग जब रिपोर्ट सौंपेगी तभी बिहार सरकार निकाय चुनाव कराएगी।
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