Home Bihar Bihar Caste Census 6 : बिहार के मारवाड़ी कौन सी जाति लिखवाएंगे, सूची में नाम नहीं तो क्या हैं विकल्प?

Bihar Caste Census 6 : बिहार के मारवाड़ी कौन सी जाति लिखवाएंगे, सूची में नाम नहीं तो क्या हैं विकल्प?

0
Bihar Caste Census 6 : बिहार के मारवाड़ी कौन सी जाति लिखवाएंगे, सूची में नाम नहीं तो क्या हैं विकल्प?

[ad_1]

Bihar caste census code for marwari in jati janganana cast code marwari baniya agrahari vaishya in bihar janga

जातिगत जनगणना
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

राजस्थान के मारवाड़ से निकल देश-दुनिया में फैले मारवाड़ी की जाति को लेकर बिहार में इन दिनों खूब सवाल उठ रहे हैं। वजह है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट बिहार जातीय जनगणना। सदियों से बिहार में भी मारवाड़ी बिना किसी जातीय सवाल के जीवनयापन करते हुए राज्य की प्रगति में योगदान दे रहे हैं। लेकिन, अब जब जातीय जनगणना शुरू हुई तो ढेर सारे संशय सामने आए। शुरुआत में जातीय जनगणना के प्रगणकों को जातियों की सूची दी गई तो उसमें ‘मारवाड़ी’ को जाति के रूप में दिखाया गया। फिर करीब 10 दिन पहले इसे संशोधित किया गया तो सूची से ‘मारवाड़ी’ गायब हो गए। प्रगणकों में भी कन्फ्यूजन है कि जो ‘मारवाड़ी’ कहेंगे, उन्हें ‘अन्य’ मानकर दर्ज करना होगा! ऐसे में ‘अमर उजाला’ ने मारवाड़ी समाज से ही संशय का समाधान लिया।

Bihar Caste Census 5 : जातीय जनगणना में जाति से ज्यादा यह कोड है खास, बिहार सरकार की मंशा समझिए

अन्य में दर्ज होने के लिए लंबी है प्रक्रिया

बिहार की जातीय जनगणना के लिए जब 214 जातियों के साथ अंतिम तौर पर ‘अन्य’ का 215वां विकल्प दिया गया तो बात होने लगी कि इसमें किस जाति के लोगों को रखा जाएगा। प्रगणकों से बातचीत में सामने आ रहा है कि बाहरी प्रदेश से आकर बसे बंगालियों, राजस्थानियों, मराठियों, तेलुगु आदि के लोग अपनी जाति इस 214 की सूची में नहीं देख सकेंगे तो 215 नंबर दर्ज करा देंगे। मारवाड़ी को पहले सूची में रखा गया और फिर हटाया गया तो यह कन्फ्यूजन और बढ़ गया। जातीय जनगणना के मास्टर ट्रेनरों से हुई बातचीत इस बात की तसदीक करती है। मास्टर ट्रेनरों ने बताया कि सूची में जातियों की संख्या 214 रहने के बाद भी अगर कोई ‘अन्य’ वाली कैटेगरी में खुद को बताते हैं तो इसे सर्वे फॉर्म में दर्ज करने से पहले संबंधित क्षेत्र के अंचल अधिकारी (CO) की लिखित अनुमति जरूरी की गई है। प्रपत्र के साथ उस अनुमति पत्र की कॉपी को भी संलग्न करना जरूरी किया गया है। ऐसे में ‘अन्य’ की प्रक्रिया लिखने में उतनी लंबी नहीं, जितनी करने में होगी क्योंकि जातीय जनगणना के दौरान अंचलाधिकारी से लिखित अनुमति लेना बहुत बड़ा काम होगा।

Bihar Caste Census 4 : श्रीवास्तव, लाला और लाल रह गए कायस्थ…वरना दर्जी के रूप में दर्ज हो जाते

 

मारवाड़ी को बताया संस्कृति, प्रक्रिया पर उठाए सवाल

‘अमर उजाला’ ने इस कन्फ्यूजन को लेकर बिहार के 12 जिलों से कुल 50 मारवाड़ी लोगों से बात की। इनमें 38 लोग इसपर बात करने के लिए तैयार नहीं हुए। इनका कहना था कि “मारवाड़ी समाज सदियों से राज्य की प्रगति में योगदान दे रहा है। बिजनेस से लेकर व्यावसायिक हिसाब-किताब तक मारवाड़ी समाज के लोग आजतक बिना किसी सवाल के संभाल रहे हैं। अब जाति पूछे जाने का कोई अर्थ नहीं है, क्योंकि मारवाड़ी जाति नहीं संस्कृति है और इस जमाने में जातीय बंटवारा एक प्रतिशत भी समझ से परे है।”

Bihar Caste Census 3 : किन्नर पूरी दुनिया में भले हों Third Gender, मगर बिहार में अब यह जाति- नंबर 22

समाज के नेताओं ने बताई जाति- वैश्य (बनिया)

जिन 38 लोगों ने मारवाड़ी को जाति नहीं, संस्कृति कहा, उनमें से छह ने कई बार एक ही सवाल दुहराए जाने पर कहा कि हमें बिहार में अपनी जाति का अंदाजा है और जब जाति पूछने वाले सरकारी आदमी आएंगे तो बता दिया जाएगा। इन लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त के साथ जातीय जनगणना का विरोध दर्ज कराने की बात कही। बाकी, 38 में से बाकी 32 लोगों ने जाति लिखाने के लिए मारवाड़ी समाज के नेताओं की राय को अंतिम और सर्वमान्य कहा। 50 में से 38 छोड़ जिन 12 लोगों से ‘अमर उजाला’ की बात हुई, उनमें कई इस समाज के सर्वमान्य अग्रणी कहे जाते हैं। इन लोगों ने अपनी जाति ‘वैश्य” बताई और खुद को बिहार में ‘बनिया’ कहा।

Bihar Caste Census 2 : जातीय जनगणना में 214 जातियां, आपकी जाति का 100% पक्का कोड यहीं मिलेगा

जाति नंबर 122 बताने की अपील कर रहे समाज के अग्रणी

जातीय जनगणना में प्रगणकों को दी जा रही सूची में जाति के कोड को लेकर कई तरह की अफवाहें हैं और लोग इस कोड को ही जाति की पहचान बता रहे हैं। दरअसल, यह कोड अभी सिर्फ जातीय जनगणना के लिए है। मतलब, प्रगणकों का ही अभी इससे वास्ता है। आमजन को जनगणना के समय स्पष्ट तौर पर अपनी जाति बतानी है। कोड प्रगणक खुद भरेंगे। लेकिन, देखना चाहिए कि जातीय कोड सही भरा जा रहा है या नहीं। मारवाड़ी समाज के लोगों ने खुद को बिहार के बनिया के रूप में रखा है। समाज के लोगों ने एक स्वर में कहा- अग्रहरि वैश्य उपजाति है, लेकिन जनगणना के दौरान साफ तौर पर खुद को बनिया बताएं ताकि कोई संशय नहीं रहे। इस जाति का नंबर 122 है।

Bihar Caste Census 1 : श्रीवास्तव, लाला या लाल बताई जाति तो कायस्थ नहीं बचेंगे, कहलाएंगे…

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here