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जातीय जनगणना
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बिहार में 15 अप्रैल से राज्य सरकार अपने खर्चे पर जातिगत जनगणना करा रही है। इसका पहला चरण मकान गणना के रूप में पूरा हो चुका है। अब असल में जातियों के हिसाब से जन की गणना का वक्त करीब आ गया है। ऐसे में सरकार की ओर से जातियों के लिए कोड निर्धारित किए गए हैं। इन कोड को लेकर कई अपुष्ट खबरें चलीं। सोशल मीडिया पर गलत नंबरों की जानकारी वायरल अब भी हो रही हैं। ऐसे में जनगणना के मास्टर ट्रेनरों से कॉपी लेकर ‘अमर उजाला’ जातियों की सही-सही जानकारी सामने ला रहा है। यह GK के लिए भी अहम है।
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