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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
द्वारा प्रकाशित: संजीव कुमार झा
अपडेटेड बुध, 01 जून 2022 01:51 अपराह्न IST
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बिहार में जातिगत जनगणना कराए जाने का स्वरूप तय करने को लेकर आज शाम चार बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। बता दें कि 27 मई को होने वाली बैठक को 1 जून के लिए पुनर्निर्धारित किया गया था। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में जाति जनगणना और जनगणना कराने के तौर-तरीकों के मुद्दे पर राज्य के सभी राजनीतिक दलों की राय मिलने की संभावना है। यदि सभी राजनीतिक दल राज्य में जाति जनगणना करने के लिए सहमत होते हैं, तो राज्य मंत्रिमंडल को मंजूरी के लिए एक प्रस्ताव भेजा जाएगा, जिसके बाद बिहार में जाति जनगणना करने के लिए मंजूरी दे दी जाएगी। जाति जनगणना का मुद्दा, जो राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड जैसे राजनीतिक दलों के बहुत करीब रहा है, जब से विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश द्वारा समर्थित इस मुद्दे को उठाया, तब से कार्यवाही पर हावी रहा है।
इन नेताओं को नहीं मिला निमंत्रण
सूत्रों के अनुसार इस बैठक में चिराग पासवान, उनके चाचा पशुपति पारस और मुकेश सहनी को इस बैठक के लिए निमंत्रण नहीं मिला है। वहीं जब सरकार से निमंत्रण नहीं देने का कारण पूछा गया तो इसके लिए विधानसभा में प्रतिनिधित्व को आधार बनाया है।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने पीएम मोदी से की थी मुलाकात
बता दें कि सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने भी राज्य में जातिगत जनगणना की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। हालांकि केंद्र ने तकनीकी दिक्कतों का हवाला देते हुए देश में जाति जनगणना कराने से इनकार कर दिया था।
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