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40 महिलाओं ने अपने पति का नाम रूपचंद दर्ज करवा दिया।
– फोटो : अमर उजाला
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214 जातियों के Bihar Caste Code पर विवाद खत्म नहीं हुआ है। 28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में बिहार की जातीय जन-गणना पर सुनवाई में यह एक अहम मुद्दा है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में एक और नया पेच फंसा है। एक जिले में तीन दर्जन से ज्यादा ऐसा नाम सामने आया है, जिसकी जाति 215वीं, यानी अन्य भी नहीं लिख पा रहे प्रगणक। न इनकी शैक्षणिक योग्यता समझ पा रहे हैं और न आय। प्रगणकों के सामने चैलेंज आया तो मास्टर ट्रेनरों की शरण में गए, लेकिन समाधान नहीं मिला। कहां का क्या है मामला, जानिए…
अरवल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शख्स 40 पत्नियों का पति बनकर बैठा है। इस शख्स का नाम रूपचंद है। हैरान करने वाली बात यह है कि जातीय जनगणना के सर्वे के दौरान रूपचंद नाम किसी पुरुष ने नहीं बल्कि 40 महिलाओं ने अपने पति के रूप में दर्ज करवाया। रूपचंद नाम के शख्स की खोज की गई तो वह ना कहीं दिखाई दिए और ना ही कहीं मिले। यहां तक कि उनका कोई पता भी नहीं है। गणना करने वाले कर्मियों ने जब इसकी पड़ताल की तो बड़ा खुलासा हुआ।
अपने पति का नाम रूपचंद बताया
पता चला कि सभी 40 महिलाएं रेड लाइट एरिया की रहने वाली हैं। यह महिलाएं नाच-गाना करके अपना भरण पोषण करती हैं। उन्होंने शादी नहीं की और अपनी पहचान छुपाने के लिए अपने पति का नाम रूपचंद दर्ज करवा दिया कितना ही नहीं कुछ महिलाओं ने तो अपने बेटे और पिता का नाम भी रूपचंद लिखवा दिया। यह मामला अरवल नगर परिषद के वार्ड नंबर 7 का है। इस इलाके में रेड लाइट एरिया है।
जानिए, कौन है यह रूपंचद
जातीय जनगणना करने वाले राजीव राकेश रंजन ने बताया कि द्वितीय चरण की गन्ना के दौरान अधिकांश महिलाओं ने अपने पति-पिता और पुत्र का नाम रूपचंद बताया। इस बारे में जब जानकारी जुटाई गई तो रूपचंद नाम का कोई शख्स नहीं मिला। महिलाओं ने ठीक नाम का इस्तेमाल किया। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है की रेड लाइट एरिया की महिलाएं पैसे को रूपचंद कहती है उनके लिए पैसा ही सब कुछ है इसीलिए अपने पति पिता और पुत्र का नाम रूपचंद बता दिया।
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