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तेजस्वी यादव ने सोमवार को ट्वीट के जरिए मुख्यमंत्री को घेरा है। उन्होंने लिखा, ‘जातीय जनगणना को लेकर अगस्त में PM से मिले, सितंबर में केंद्र ने जातीय जनगणना से मना किया। अक्टूबर में CM ने कहा जल्दी ही सर्वदलीय बैठक बुलाएंगे, दिसंबर में हमने CM से बैठक बुलाने की याद दिला फिर आग्रह किया। पता नहीं अब 5 महीनों बाद भी नीतीश जी किस डर से बैठक नहीं बुला पा रहे है?’ आरजेडी नेता ने इस ट्वीट के जरिए एक तरह से जातीय जनगणना पर सर्वदलीय बैठक जल्द से जल्द बुलाने की बात कही है।
जातीय जनगणना पर बोले नीतीश- हम लोग मन बनाकर बैठे हैं
वहीं सोमवार को ही जनता दरबार के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना के लिए हम लोग मन बनाकर बैठे हैं। उस पर सर्वदलीय बैठक करेंगे। केंद्र से भी बात हो गई है कि वह लोग नहीं करेंगे, लेकिन अगर कोई राज्य करना चाहे तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं है। हमलोग यहां पर बातचीत करके उसके पूरे तौर तरीके तैयार कर लेंगे।
जातीय जनगणना से किसी जाति का अहित नहीं होगा: नीतीश
नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय जनगणना के बाद उसी हिसाब से सबको जानकारी हो जाएगी कि राज्य में किस जाति की कितनी आबादी है। इससे हमें लोगों के लिए सुधार कार्य करने में मदद मिलेगी, जो राज्य हित में ज्यादा होगा। इससे किसी जाति की उपेक्षा नहीं होगी। बीच में कोरोना हो गया इसलिए उस पर भी ध्यान देने की जरूरत थी। अब हम इस सर्वदलीय बैठक करेंगे।
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