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नीतीश कैबिनेट ने जनवरी की तीसरी बैठक में कई बड़े फैसले लिए।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
जनवरी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बिहार मंत्रिपरिषद् (Bihar Cabinet) की तीसरी बैठक बेहद अहम रही। इस बैठक में पटना के लिए लंबे समय बाद अहम फैसले आए। शिक्षा को लेकर कई निर्णय लिए गए। स्वास्थ्य को लेकर आत्मनिर्भर व्यवस्था का रोडमैप दिखाया गया। किसी फैसले से दशकों पुराना दंश खत्म हुआ तो किसी निर्णय से 8 साल की लड़ाई का अंत। इसके साथ ही 10 शहरों के कायाकल्प के प्लान को भी कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी।
सबसे पहले शिक्षा के अहम फैसले
1. मगध विश्वविद्यालय के बड़े फैलाव को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका बोझ घटाने के लिए पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय तो बना दिया था, लेकिन यह अबतक किसी तरह चल रहा। अब इसका भवन भी बनेगा और वह भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बख्तियारपुर में। बख्तियारपुर में देदौर में 10 एकड़ जमीन कृषि विभाग से फ्री शिक्षा विभाग को हस्तांतरित होगी। इससे वहां पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय का भवन बनेगा।
2. राज्य योजना मद से सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में 1401 निर्माणाधीन अतिरिक्त क्लासरूम के लिए 27.71 करोड़, 83 निर्माणाधीन नवसृजित प्राथमिक विद्यालयों के लिए 7.33 करोड़ और आठ निर्माणाधीन भवनहीन विद्यालयों के काम को पूरा कराने के लिए 93.95 लाख रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। कुल 35 करोड़ 98 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई।
3. नालंदा खुला विश्वविद्यालय के शैक्षणिक/गैर-शैक्षणिक पदों पर वेतन-भत्ते की परेशानी को देखते हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 में चार करोड़ 99 लाख 99 हजार रुपए सहायक अनुदान के रूप में बिहार आकस्मिकता निधि से स्वीकृत किए गए।
अब जानिए स्वास्थ्य कैसे सुधरेगा
कैबिनेट ने बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने की जिम्मेदारी भी आत्मनिर्भर होकर उठाने का फैसला लिया है। इस आत्मनिर्भरता के जरिए मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट जीविका की दीदियों की जिम्मेदारी बढ़ाई जा रही है। राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी सदर व जिला अस्पतालों के साथ ही अनुमंडल के अस्पतालों में इंडोर मरीजों के वस्त्रों की आपूर्ति, भवन व परिसर की साफ-सफाई और वस्त्रों की धुलाई की सेवा का काम बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन समिति द्वारा संतोषित जीविका के जरिए कराने के फैसले पर मुहर लगाई। इतना ही नहीं, सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में भी इंडोर मरीजों के लिए वस्त्रों की आपूर्ति एवं भवन-परिसर की साफ-सफाई का जिम्मा जीविका को दिया गया है।
नौकरियों को लेकर भी बहुत कुछ हुआ
1. वित्त विभाग में निम्नवर्गीय लिपि के 71 अतिरिक्त पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई, हालांकि इसके साथ एक अहम फैसला आया कि विभाग में कार्यालय परिचारी (पिउन) के 59 पदों को अतिरिक्त मानते हुए उसे खत्म कर दिया गया।
2. करीब आठ साल के इंतजार के बाद 18 पद सृजित कर बिहार कर्मचारी चयन आयोग के विज्ञापन संख्या 06060114 के तहत प्रथम इंटरस्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2014 में निम्नवर्गीय सूचना लिपिक के पद पर अनुशंसित अभ्यर्थियों के समायोजन की स्वीकृति दी गई।
3. मुंगेर जिला में वानिकी महाविद्यालय के स्थायी स्थापना के तहत पठन-पाठन के सुचारू संचालन के लिए विभिन्न कोटि के 204 पदों के सृजन को स्वीकृति दी गई। यह पद पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधीन होंगे।
4. राज्यपाल सचिवालय के अधीन डाटा कोषांग के कामकाज में सुधार के लिए यहां कंप्यूटर ऑपरेटर/डाटा इंट्री ऑपरेटर के दो पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई। यह नियुक्तियां मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग करेगा। यह सूचना एवं जन संपर्क विभाग के तहत काम करेंगे।
5. समस्तीपुर जिला के मुफस्सिल थाना अंतर्गत कर्पूरीग्राम में थाना का सृजन व संचालन के लिए जरूरी 25 पदों के सृजन की स्वीकृत दी गई। यह नियुक्तियां गृह विभाग का आरक्षी शाखा करेगा।
पटना समेत 11 शहरों के लिए कैबिनेट में बहुत कुछ
1. अरवल, सुपौल, सोनपुर, शेखपुरा, बांका, गोपालगंज, जहानाबाद, मधेपुरा, नवादा और भागलपुर में से जहां शहरी क्षेत्र का विकास ठीक से नहीं हुआ है- वहां मुख्य शहर और जहां आसपास के किसी क्षेत्र को शहर के रूप में विकसित करने की संभावना हो, वहां उसका विकास किया जाएगा। समेकित और सुनियोजित रूप से विकसित करने के उद्देश्य से 10 आयोजना क्षेत्रों की घोषणा को स्वीकृति दी गई।
2. पटना में लोकनायक जय प्रकाश नारायण के आवास पर चल रहा है महिला चरखा समिति कदमकुआं को दो करोड़ रुपये सहायक अनुदान मद में दिए जाएंगे। चरखा समिति कॉरपस फंड के रूप में इसे रखेगी और इससे आने वाले ब्याज से संचालन करेगी।
3. दशकों से पटना का एक थाना खुद दूसरे थाना क्षेत्र में और वह भी स्टेडियम की दर्शक दीर्घा के पिछले हिस्से में चल रहा है। इस कदमकुआं थाना को अब राजेंद्रनगर में बनाने की स्वीकृति हो गई है। पटना मास्टर प्लान 2031 के तहत राजेंद्रनगर के स्वीकृत लेआउट प्लान में ग्रीन एरिया/पार्क एंड प्लेग्राउंड के लिए तय 50 डिसमिल जमीन को कदमकुआं थाने के लिए दी गई है। इसके लिए मास्टर प्लान में उस हिस्से का लैंड यूज बदला जाएगा।
व्यक्ति विशेष पर प्रभावी फैसलों में एक मृत अफसर के लिए भी
1. पथ प्रमंडल हाजीपुर के पथ अवर प्रमंडल में गुण नियंत्रण के सहायक अभियंता सुनील कुमार सिन्हा को न्यायालय से दोषी करार दिए जाने के कारण सेवा से बर्खास्त किया गया।
2. कोटि 921/11 में बिहार प्रशासनिक सेवा के सुजीत कुमार (गृह जिला- बेगूसराय) को सरकार के अधीन भविष्य में नियोजन की निरहर्ता नहीं होने का दंड दिया गया।
3. 27 जुलाई 2016 से अनुपस्थित रहने के आरोप में मधुबनी के फुलपरास अनुमंडलीय अस्पताल की तत्कालीन चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मीता दत्ता को सेवा से बर्खास्त किया गया।
4. स्वास्थ्य सेवाएं, बिहार के भूतपूर्व उप निदेशक स्व। डॉ. संत चौधरी को प्रवर कोटि के अपुनरीक्षित वेतनमान 4300-5000 रुपये में प्रोन्नति प्रदान करने के लिए 12 अक्टूबर 1978 से 30 जून 1998 तक की अवधि के लिए एकमात्र अधिसंख्य पद के छाया पद सृजन की स्वीकृति दी गई।
5. जल संसाधन विभाग के सिंचाई सृजन में अभियंता प्रमुख (कार्यकारी प्रभार) के पद कार्यरत ईश्वर चंद्र ठाकुर 31 जनवरी को सेवानिवृत होंगे तो उसके बाद एक साल के लिए संविदा के आधार पर मुख्य अभियंता (असैनिक) के मूल धारित पद के वेतनमान में नियोजित होंगे। इन्हें अभियंता प्रमुख के पद का कार्यकारी प्रभार भी मिला रहेगा।
6. अप्रैल 2008 को पथ निर्माण विभाग के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता बेचन राम को बर्खास्त किया गया था, लेकिन अब कोर्ट के आदेश पर उस आदेश को वापस ले लिया गया है।
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