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मुख्यमंत्री ने शिक्षा मंत्री को दी सलाह, कहा- बाहर यूँ ही कुछ मत कहिए
– फोटो : अमर उजाला
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विधानसभा सत्र के तीसरे दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलने के क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुस्कुराते हुए शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री हर बात को मीडिया के सामने रख देते हैं जबकि सबकुछ कह देना अच्छी बात नहीं। उन्होंने कहा कि कैबिनेट में रखे जाने वाले प्रस्ताव को पूरी तरह से गौण रखा जाता है न कि पारित होने से पहले ही बाहर इसकी चर्चा की जाती है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट की कोई भी बात सार्वजानिक करना पूर्णतः मना है। क्यों कि बात मीडिया में आने के बाद अगर किसी कारणवश प्रस्ताव पारित नहीं हो पाता है तो हंगामा होने लगता है।
ट्वीटर के द्वारा शिक्षकों की भर्ती का किया था वादा
दरअसल 3 फरवरी और 23 फरवरी को शिक्षामंत्री डॉ चंद्रशेखर ने यह ट्वीट किया था कि सातवें फेज में शिक्षक नियोजन नियमावली पर मैंने हस्ताक्षर कर दिया है, अब ये कैबिनेट में जाएगा। 2023 में शिक्षा विभाग में 3 लाख से अधिक नौकरी मिलेगा। महागठबंधन सरकार ने 10 लाख नौकरी का जो वादा किया है, हम उसपर क़ायम हैं और उसे पूरा करके दिखाएँगे।
तीन फरवरी को भी किया था ट्वीट
इससे पहले 3 फरवरी को उन्होंने ट्वीट किया था कि.. जल्द सातवां चरण की नियुक्ति होने जा रही है। वर्ष 2023 नियुक्ति का वर्ष होने वाला है। कोई अभ्यर्थी घबराएँ नहीं, महीना भर के अंदर में नियोजन नियमावली आपके बीच आ जाएगा। सारी मेधा सूची योग्यता और शिक्षक पात्रता परीक्षा के आधार पर बनेगी और जिला प्रशासन के नेतृत्व में बहाली होगी….पहले 9000 इकाई थी, अब ये 38 इकाई में नियुक्ति पत्र का बंटवारा होगा। किसी गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी।
शिक्षा मंत्री की हुई थी फजीहत
कैबिनेट की बैठक समाप्त होने के बाद उन एजेंडो की स्वीकृति नहीं हो पाई तो शिक्षा मंत्री की काफी फजीहत हुई थी। इसी बात को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें सत्र के दौरान ही इशारों इशारों में कुछ न बोलने की सलाह दे दी।
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