
[ad_1]

बोर्ड अध्यक्ष ने बताया, कब तक की तैयारी है और क्यों
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (Bihar Board) ने मंगलवार को इंटरमीडिएट (12वीं) परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया। अब इसी महीने 29 से 31 मार्च के बीच मैट्रिक (10वीं) का रिजल्ट जारी करने की तैयारी की जा रही है। बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने ‘अमर उजाला’ से बातचीत में कहा कि 31 मार्च तक मैट्रिक परीक्षा का परिणाम जारी करने का लक्ष्य है, ताकि आगे के दाखिले में छात्र-छात्राओं को सहूलियत हो। लगातार पांचवीं बार बिहार बोर्ड ने सबसे पहले 12वीं की परीक्षा का परिणाम दिया है। इससे इंटर पास होने वालों को आगे के दाखिले के लिए तन-मन से तैयारी करने का करीब एक महीने का अतिरिक्त समय मिलेगा।
मूल्यांकन का काम पूरा, अब टॉपरों का परीक्षण
मैट्रिक परीक्षा के परीक्षाफल की तैयारी अंतिम चरण में है और समिति ने 31 मार्च तक परिणाम देने का लक्ष्य है। मैट्रिक परीक्षा परिणाम भी मार्च में देकर 10वीं के बाकी बोर्ड से पहले परिणाम जारी करने की तैयारी है। 15 मार्च तक मूल्यांकन प्रक्रिया पूरी की गई है। अब इंटर का परिणाम जारी होने के साथ ही मैट्रिक के रिजल्ट को अंतिम रूप देने की तैयारी चल रही है। परीक्षा परिणाम के पहले बिहार बोर्ड सभी टॉपरों के साथ इंटरेक्शन करता है, जिससे यह पुष्टि हो कि वह सही मायने में इस काबिल हैं या नहीं। 2016 में यह व्यवस्था नहीं थी, जब इंटर की टॉपर ने विषय का गलत नाम और स्पेलिंग बोलकर बिहार बोर्ड की टॉपर सूची की किरकिरी करा दी थी। अब परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन और नंबरों के मिलान के बाद संभावित टॉपरों से मिलकर तसदीक की जाएगी।
सिमुलतला विद्यालय के परिणाम पर रहेगी नजर
इंटर परीक्षा के परिणाम में लगातार दूसरी बार एक भी टॉपर नहीं देने वाले सिमुलतला आवासीय विद्यालय के परफॉर्मेंस पर अब मैट्रिक परीक्षा परिणाम के दौरान भी नजर रहेगी। मुख्यमंत्री का यह ड्रीम स्कूल मैट्रिक परिणामों में रह बार अच्छा परफॉर्म करता रहा है। पहली बार जब इस स्कूल के छात्र-छात्राओं ने मैट्रिक परीक्षा 2015 में दी थी तो बिहार बोर्ड के टॉप 10 की सूची के 31 में से 30 परीक्षार्थी इसी विद्यालय के थे। उसके अगले साल यह रिकॉर्ड भी टूट गया, जबक टॉप 10 में आए सभी 42 परीक्षार्थी इसी स्कूल के हुए। 2017 की मैट्रिक परीक्षा से झटका लगना शुरू हुआ, जब टॉप 10 में आए 22 में से 12 इस स्कूल के निकले। इसके बाद, 2018 में बोर्ड के टॉप टेन में आए 24 परीक्षार्थियों में से इस स्कूल के 17, 2019 में टॉप टेन के 18 में से 16 निकले। वर्ष 2020 से इस स्कूल का हाल बेहद बुरा नजर आने लगा, जब टॉप 10 में शामिल 41 में से केवल तीन परीक्षार्थी इस विद्यालय के निकले। अगले साल, 2021 में टॉप 10 में आने वालों की संख्या 101 पहुंच गई और इस विद्यालय के परीक्षार्थियों की संख्या 14 ही रह गई। पिछले साल, 2022 में टॉप टेन की सूची में 47 नाम थे लेकिन इस स्कूल के महज पांच परीक्षार्थी इसमें शामिल नजर आए।
[ad_2]
Source link