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बिहार विधानसभा का 24 जून से शुरू हुआ पांच दिवसीय मानसून सत्र हंगामे के बीच गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। बिहार विधानसभा के इस मॉनसून सत्र के दौरान केंद्र की अग्निपथ योजना को लेकर दोनों सदनों में विपक्ष और सरकार के बीच गतिरोध देखा गया।
सत्र शुरू होने के एक दिन बाद बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने घोषणा की थी कि सभी विपक्षी दल विधानसभा के पूरे सत्र का बहिष्कार करेंगे, क्योंकि योजना के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने की उनकी मांग को सदन अध्यक्ष ने ठुकरा दिया था। बिहार विधानमंडल के इस सत्र के दौरान विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच दो सदनों में कई विधायी और वित्तीय कार्य संपन्न किए गए ।
दोनों सदन अनिश्चित काल के लिए स्थगित
बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मानसून सत्र के अंतिम दिन के दोपहर के भोजन के बाद और विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने भोजनावकाश के पूर्व ही सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया। मॉनसून सत्र के दौरान केंद्र की अग्निपथ योजना को लेकर दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही के बाधित होने पर सदन को स्थगित किया गया ।
इस दौरान विधानसभा में कुल मिलाकर 827 प्रश्न प्रस्तुत किए गए, जिनमें से 713 को मंजूरी दी गई। सिन्हा ने कहा कि ध्यानाकर्षण नोटिस और प्रश्नों के माध्यम से लोक कल्याण से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया गया।
बिहार का राजकोषीय घाटा 29827 करोड़ रुपये: कैग
बिहार विधानसभा में गुरुवार को पेश नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदेश ने 2020-21 में 29,827 करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 15,103 करोड़ रुपये अधिक है।
कैग ने कहा, ‘‘2020-21 के दौरान राजस्व व्यय में 10.69 प्रतिशत की वृद्धि हुई। राजस्व प्राप्तियों में हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में 3.17 प्रतिशत की वृद्धि हुई फिर भी यह 2018-19 (131794 करोड़ रुपये) की तुलना में 2.75 प्रतिशत कम थी। राज्य को अपने राजस्व व्यय को पूरा करने के लिए पिछले वर्ष (23.23 प्रतिशत की वृद्धि) की तुलना में अधिक धन उधार लेना पड़ा है।’’ कैग रिर्पोट में कहा गया है कि इस प्रकार राज्य का राजस्व घाटा और राजकोषीय घाटा पिछले वर्ष की तुलना में क्रमशः 6.35 गुना और 2.03 गुना बढ़ गया।
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