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बिहार में 2020 में हत्या के 2799 कांड दर्ज
सीएम नीतीश ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की ओर से लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि जब 2005 में हम लोगों को काम करने का मौका मिला तब फिरौती के लिए अपहरण के 251 मामले दर्ज हुए थे। वहीं 2020 में आकर यह आंकड़ा घटकर 37 पर आ गया है। 2005 में हत्या के 3423 घटनाएं दर्ज हुए, जबकि आबादी करीब 8 करोड़ थी। अब 11 करोड़ से ज्यादा आबादी होने के बाद 2020 में हत्या के 2799 कांड दर्ज हैं।
महिला अपराध में बिहार का स्थाना 30वां
2020 की केंद्रीय की रिपोर्ट के मुताबिक महिला अपराध में राष्ट्रीय औसत 56.5 है। जबकि बिहार में महिला अपराध का औसत 26.3 है। महिला अपराध में बिहार का स्थाना 30वां है। विपक्षी नेताओं ने इसपर टोका तो सीएम नीतीश ने कहा, ‘अरे सुन ना लीजिए, कुछ जानते भी हैं, घर में बैठे रहते हैं, जरा ये सब बात सुन लिया कीजिए। ध्यान दे लीजिए कि बिहार में महिलाओं के प्रति क्या स्थिति है।’
इसके बाद भी विपक्षी नेता शोर शराबा करने की कोशिश करने लगे तो सीएम नीतीश ने कहा कि आपकी पार्टी का इन सब बातों से कोई मतलब है क्या, आप जनहित की बात क्या जानें। आपको जो मर्जी करे वो कीजिए। अगर ये आंकड़े सही नहीं हैं तो क्या मैं विधानसभा में बोलूंगा, ये मेरी आदत ही नहीं है।
‘बिहार पर गौरव कीजिए’
सीएम नीतीश ने विपक्षी नेताओं की तरफ इशारा करते हुए हुए कहा कि हम लोगों पर आप कुछ भी बोलते रहिए, लेकिन अपने बिहार पर गौरव कीजिए कि यहां की स्थित काफी ठीक है। बिहार के लोग उतने गड़बड़ नहीं हैं। आप लोगों से यही कहूंगा कि बाहर जब भी जाइए तो बिहार के हित में बोलिए, यहां तो कुछ भी बोलते हैं वह ठीक है।
महिला अपराध में बिहार 13वें नंबर पर
सीएम नीतीश ने कहा कि 2005 में महिला अपराध में बिहार 13वें नंबर पर था। बिहार में सांप्रदायिक सौहार्द्र का माहौल कायम है। आप लोग इक्का-दुक्का बात को लेकर केवल चर्चा करते हैं। फिलहाल बिहार में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने के नगण्य मामले हैं। विपक्ष की ओर इशारा करते हुए सीएम नीतीश ने पूछा कि पहले कब्रिस्तान की घेराबंदी कितनी होती थी। हम लोगों को जब काम करने का मौका मिला तब सर्वेक्षण कराकर 8000 से ज्यादा कब्रिस्तान की घेराबंदी कराई। बिहार में कब्रिस्तानों की संख्या 9000 तक पहुंचा दी गई है। सीएम नीतीश की बात को बीच में रोककर आरजेडी के नेता सदन से वॉकआउट कर गए। इसपर सीएम नीतीश ने कहा कि हम आपकी बात सुनते रहें और आप बाहर जाइएगा।
बिहार में 12 लाख प्रथम डोज और 5 करोड़ 2 लाख लोगों को लगे कोरोना टीका
इससे पहले राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महामहिम की कही बातों में कुछ का अलग से चर्चा करना जरूरी है। हमलोग 2019-20 से ही कोविड 19 के दौर से गुजर रहे हैं। हमें इसके लिए सतर्क रहने की जरूरत है। मंगलवार तक की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में केवल 279 लोग कोविड पॉजिटिव बच गए हैं। इससे यही पता चलता है कि कुछ ही दिनों में हम लोगों को कोरोना से मुक्ति मिल जाएगी। अब तक बिहार में 6 करोड़ 93 लाख से ज्यादा लोगों का कोरोना टेस्टिंग हो चुका है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रति 10 लाख की आबादी पर कोरोना टेस्टिंग से बिहार में 44 हजार ज्यादा जांच हुए हैं। बिहार में प्रति 10 लाख की आबादी पर छह लाख दो हजार 570 जांच हुए हैं। 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को बिहार में 6 करोड़ 12 लाख प्रथम डोज और 5 करोड़ 2 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लग चुकी है।
18 साल से कम आयु वर्ग के लोगों को कोरोना वैक्सीन देने में भी बिहार में अच्छा काम हुआ है। बिहार के 48 लाख 35 हजार बच्चों को पहला और 13 लाख 75 हजार बच्चों को वैक्सीन की दूसरी डोज लग चुकी है। बिहार में कुल मिलाकर 12 करोड़ 87 हजार 334 लोगों का टीकाकरण हो चुका है।
बिहार में कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के 11 हजार एक सौ परिजनों को राज्य सरकार की तरफ से 498 करोड़ 47 लाख रुपये बांटे जा चुके हैं। कोरोना के चलते जो बच्चे या बच्चियां अनाथ हो गए हैं उन्हें प्रति महीने 1500 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। यह 3 जून 2021 से लागू है।
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