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सदन में नीतीश कुमार
– फोटो : अमर उजाला
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज फिर सदन में जोर से भड़क उठे। लेकिन उनके आज के इस गुस्से का कारण भाजपा नहीं बल्कि अंग्रेजी भाषा थी जिस पर वह पहले भी भड़क चुके हैं। उन्होंने सदन में प्रश्न कालके दौरान कहा कि इसमें सुधार लाइये, क्या हिंदी को खत्म ही कर देना चाहते हैं?
यूँ भड़क उठे मुख्यमंत्री
दरअसल सोमवार को विधान परिषद में प्रश्नोत्तर काल चल रहा था और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधान सभा में विजय सिन्हा के द्वारा मुजफ्फरपुर के मंत्री पर सवाल उठा रहे थे। जिस पर वह जबाब न देकर वहां से उठकर विधान सभा से निकलकर विधान परिषद पहुँच गये। वहां पहुंचते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर विधान परिषद के अंदर डिस्प्ले बोर्ड पर पड़ी। डिस्प्ले बोर्ड पर अंग्रेजी में लिखे नाम को देखते ही नीतीश कुमार अचानक भड़क उठे। उस समय कुमार नागेंद्र का प्रश्न चल रहा था। तभी नीतीश कुमार सदन में खड़े हो गए और सभापति देवेश चंद्र ठाकुर की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें सुधार लाइये, क्या हिंदी को खत्म ही कर देना चाहते हैं? हालांकि इस दौरान सभापति देवेश चंद्र ठाकुर शांत होकर बिना कुछ बोले आसन पर बैठे रहे।
पहले भी अंग्रेजी पर भड़क चुके हैं नीतीश कुमार
नीतीश कुमार का अंग्रेजी पर इस तरह भड़कना आज पहली बार नहीं था बल्कि इससे पहले भी वह अंग्रेजी भाषा पर आपत्ति जाहिर कर चुके हैं। दरअसल बापू सभागार में किसान समागम कार्यक्रम चल रहा था जिसमें प्रशासनिक अधिकारी, कृषि वैज्ञानिक और कृषि विभाग से जुड़े अधिकारी कृषि को लेकर व्याख्यान दे रहे थे। तभी एक अधिकारी अपने व्याख्यान के दौरान अंग्रेजी भाषा के कुछ शब्दों का प्रयोग किया। फिर क्या था, नीतीश कुमार उन अधिकारी पर बरस गए और उनकी क्लास लगा दी थी।
अब भाजपा ने किया हमला
भाजपा कोई भी मौका छोड़ना नहीं छति है वह भी जब बात नीतीश कुमार की हो । बिहार भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने ट्वीट हमला करते हुए कहा है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार जी को गंभीर मनोवैज्ञानिक बीमारी हो गई है। मुख्यमंत्री जी अंग्रेजी सुन वैसे ही भड़कते हैं जैसे लाल कपड़ा देखकर कोई सांड़ भड़कता है। स्वयंभू, आत्ममुग्ध और अपने मुंह मियां मिट्ठू हो चुके नीतीश जी अपना दिन काटने के लिए जनता का वक्त बर्बाद कर रहे हैं ।
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