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अस्पताल में चोट दिखाती महिलाएं
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आरा में दर्जन भर महिलाओं ने पुलिस पर घर में घुसकर मारपीट करने का आरोप लगाया है। महिलाओं का कहना है कि पुलिस हमारे साथ उस घटना का बदला ले रही है जिसमें हमलोग शामिल नहीं थे। महिलाओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों ने हमारे घर में जबरन घुस कर मारपीट करने के साथ साथ घर में रखे सामानों के साथ भी तोड़फोड़ किया है। हैवानियत के साथ की गई इस मारपीट में लगभग दर्जन भर महिलाएं घायल हुई हैं जिनका आरा सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है। घटना सदर प्रखंड के धोबहा ओपी क्षेत्र के अगरसंडा-बेहरा गांव की है।
असली वजह
यह घटना रविवार के रात्रि की है। जहां अगरसंडा-बेहरा गांव में शराब की सूचना पर पुलिस छापेमारी करने पहुंची थी। सूचना के मुताबिक पुलिस ने शराब के साथ कुछ लोगो को गिरफ्तार भी किया लेकिन जब पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर ले जाने लगी तभी ग्रामीणों के भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया जिसमें मामूली रूप से कुछ पुलिसकर्मी जख्मी हो गये थे।
वापस लौटी पुलिस
ग्रामीणों के हमले के बाद पुलिस वापस गांव में लौट आई और कुछ ही देर बाद पुलिस की संख्या बढ़ते बढ़ते बहुत बढ़ गई। फिर पुलिसवालों ने घर में घुस घुस कर ताबड़तोड़ मारपीट करने लगी। महिलाओं का कहना है कि पुलिस वालों ने महिलाओं, युवतियों, बच्चे समेत सभी के साथ मारपीट की।
.पुलिस के मार से जख्मी महिलाओं ने बताया कि पुलिस पर जिन लोगों ने हमला किया था वे लोग कोई और थे। हमारा उनलोगों के साथ कोई लेना देना नही है। इसके बावजूद पुरुष और महिला पुलिस घर का दरवाजा तोड़कर जबरन घर मे घुस आए और बिना कुछ पूछे जो सामने आ रहा था उसके साथ मारपीट करने लगे।
पुलिसकर्मियों पर हो कार्रवाई
इस मामले में घायल महिलाओं का इलाज कराने पहुंचे आरा पश्चिमी क्षेत्र 23 के जिला पार्षद भीम यादव का कहना है कि पुलिस के इस रूप से हम हैरान हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने इनलोगों के साथ अपराधियों वाला व्यवहार किया है। पुलिस को अगर शराबबंदी को लागू कराना ही है तो दोषियों पर कार्यवाही करे। पुलिस के द्वारा अपराधियों की तरह घर में घुस कर बर्तन तोडना, चूल्हा तोड़ना, अलमीरा तोड़ना,बाइक तोड़ना, यह निंदनीय कार्य है। ऐसे पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर किया गया उनपर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए। .
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