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मुख्यमंत्री की उम्र हो गई या गुमराह कर रहे हैं
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बिहार विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष और विपक्ष के प्रतिपक्ष नेता विजय सिन्हा ने नीतीश कुमार पर हमला किया है। बक्सर में किसानों पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज और किसानों के घर में जबरन घुस कर किसानों के परिवारों को अपमानित करते हुए मारपीट करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि किसानों पर बर्बरतापूर्ण पिटाई और उनका अपमान बहुत ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। यह नीतीश कुमार के उम्र का प्रभाव अब उन पर स्पष्ट रुप से दिखाई पड़ने लगा है। अब उन्हें कुर्सी जाने का भय हो रहा है। नीतीश कुमार हर जानकारी से अपने आपको अलग-थलग करने का प्रयास कर रहे हैं। बीएसएससी छात्रों पर हुए लाठी चार्ज मामले पर उन्होंने कहा कि बेरोजगार नौजवानों पर लाठीचार्ज होता है और वे कहते हैं कि हमें जानकारी नहीं। किसानों के घर में आधी रात को घुसकर उनके परिवार पर बर्बरता पूर्ण ढंग से मारपीट की जाती है, उन्हें अपमानित किया जाता है और वो कहते हैं हमें पता नहीं है। मुख्यमंत्री जी इस जवाबदेही से भागना कहीं ना कहीं आपका भय दिखाई दे रहा है। इस भय का कारण आप स्वयं है आप समाधान करिए वरना जनता आपकी विदाई यात्रा बना ही देगी।
सरकार को दी चेतावनी
अगर सरकार इस पुलिसिया जुल्म पर अंकुश नहीं लगाती है तो जनमानस का आक्रोश बढ़ेगा और फर्जी मुकदमा करके यह दोहन, शोषण और भय का वातावरण बनाना चाहते हैं इसे सरकार रोके वरना इस मामले को हम सड़क से सदन तक ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को उनकी मांग पर गंभीरता से विचार करना चाहिए क्यों कि उनकी मांग जायज है।
प्रशासन पर उठाये सवाल
विजय सिन्हा ने स्थानीय प्रशासन पर भी उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि पुलिस का बर्बरतापूर्ण कार्य किसानों और ग्रामीणों को उत्तेजित किया है। किसानों के साथ पुलिस का दुर्व्यवहार और इनकी दमनकारी नीति ने भय का वातावरण बना दिया है उन्होंने कहा कि पुलिस का बर्बरता पूर्ण कार्य किसानों और ग्रामीणों को उत्तेजित किया है।किसानों के साथ पुलिस का दुर्व्यवहार इनकी दमनकारी नीति ने भय का वातावरण बना दिया है। उन्होंने कहा कि जब इतने दिनों से आंदोलन चल रहा था तो यहां की प्रशासन आंखें मूंद कर क्यों बैठी थी। प्रशासन किसी बड़े घटना का इंतजार क्यों कर रही थी। कौन से पदाधिकारी इसके लिए दोषी और जिम्मेदार हैं उन को चिन्हित कर कार्रवाई करनी चाहिए। माननीय मुख्यमंत्री जी समाधान यात्रा पर निकले हैं। किसानों की इस ज्वलंत समस्या का समाधान कीजिए। निर्दोष लोगों को फंसा कर पुलिसिया जुल्म बंद कीजिए। प्रशासन को बैठाकर किसानों को उचित मुआवजा की घोषणा करवाईए। अगर समस्या का समाधान नहीं करते हैं तो यह माना जाएगा कि यह समाज में सिर्फ व्यवधान पैदा करना चाहते हैं, समस्या को बढ़ाना चाहते हैं और प्रशासनिक अराजकता के माध्यम से बिहार की जनता को परेशान करना चाहते हैं।
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