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जिला एवं सत्र न्यायालय, बेतिया
– फोटो : अमर उजाला
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बिहार में बेतिया की जिला अदालत ने सोमवार को नाबालिग से दुष्कर्म करने के मामले में दोषी शख्स को 20 साल की सजा सुनाई है। पॉक्सो अधिनियम के विशेष न्यायाधीश जावेद आलम ने कांड के नामजद आरोपी बनारसी साह (40) को दोषी पाते हुए कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 20 हजार रुपये जुर्माना भरने का भी आदेश दिया है। जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर एक महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा का भी आदेश है।
जानकारी के मुताबिक, सजायाफ्ता आरोपी बेतिया जिले के साठी थाना क्षेत्र के भभटा गांव का निवासी बनारसी साह है। पॉक्सो एक्ट के विशेष अनन्य लोक अभियोजक जयशंकर तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना साल 2019 की है। आरोप है कि नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर आरोपी बनारसी साह ने उससे दुष्कर्म किया। फिर किसी से कहने पर पीड़ित को जान से मारने की धमकी दी। इससे पीड़ित नाबालिग लड़की काफी डर गई थी। इसका फायदा उठाकर आरोपी बनारसी साह ने कई बार दुष्कर्म किया।
जानकारी के मुताबिक, इस दौरान नाबालिग लड़की गर्भवती हो गई। उसके बाद पीड़िता ने घटना की जानकारी अपने घर वालों को दी। फिर पीड़िता के पिता ने साठी थाने में आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। आरोपी बनारसी साह पीड़ित नाबालिग लड़की का रिश्ते में दादा लगता है।
मामले की सुनवाई में दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने यह फैसला सुनाया है। न्यायाधीश ने पीड़ित नाबालिग को बिहार प्रतिकार योजना के तहत पांच लाख रुपये मुआवजा भी देने का आदेश दिया है। यह जानकारी अनन्य विशेष लोक अभियोजक जयशंकर तिवारी ने दी।
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