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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत तमाम राजनेता रमजान के महीने में इफ्तार के लिए जाते रहे हैं।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बिहार में मुस्लिम धर्म के सरकारी सेवकों के लिए माह-ए-रमजान में एक घंटे पहले दफ्तर आने और इतने ही समय पहले निकलने की छूट देने वाला प्रावधान बायोमीट्रिक व्यवस्था में भी लागू रहेगा। बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव की ओर से यह आदेश जारी किया गया है। 11 दिसंबर 2020 को जारी सरकारी आदेश के तहत रमजान के पूरे महीने मुस्लिम धर्म के सरकारी सेवकों को शाम में एक घंटा पहले दफ्तर से निकलने की छूट देने की नीयत से यह प्रावधान लागू किया गया था।
बायोमीट्रिक में भी आदेश लागू रखने को आदेश
दिसंबर 2020 का आदेश स्थायी रूप से प्रतिवर्ष के रमजान महीने में लागू रहना है। अगस्त 2022 में बायोमीट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था लागू होने के बाद 2023 में रमजान महीना 22 मार्च से 21 अप्रैल तक (संभावित) के बीच रहेगा और बायोमीट्रिक प्रणाली में भी एक घंटा पहले का प्रावधान लागू करने के लिए यह आदेश जारी किया गया है। इस बात की चर्चा चल रही थी कि बायोमीट्रिक प्रणाली में कंप्यूटर इस प्रावधान को स्वीकृत करेगा या नहीं, इसी को स्पष्ट करने के लिए यह आदेश जारी किया गया है।
संविदा-आउटसोर्स पर भी लागू रहेगा आदेश
रमजान के महीने में एक घंटा पहले दफ्तर आने और निर्धारित समय से एक घंटा पहले कार्यालय छोड़ने के आदेश को लेकर स्पष्ट यह भी किया गया है कि प्रावधान स्थायी सरकारी सेवकों के साथ संविदा पर नियोजित कर्मियों और आउटसोर्स के जरिए सरकारी संस्थान-विभाग में कार्यरत सेवकों पर भी लागू रहेंगे। मतलब, अगर इनकी उपस्थिति भी अगर बायोमीट्रिक प्रणाली के जरिए हो रही होगी तो 2020 के आदेश में लागू प्रावधान मान्य होंगे।
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