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एसपी ऑफिस में पेट्रोल के साथ पीड़ित पिता
– फोटो : अमर उजाला
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बिहार के नवादा जिले में सोमवार को एक माता-पिता पेट्रोल की बोतल लेकर एसपी ऑफिस में आत्महत्या करने पहुंच गए। इससे वहां अफरा-तफरी का माहौल बना गया। माता-पिता अपनी बेटी से ससुराल वालों द्वारा मारपीट करने के मामले में न्याय मांगने एसपी कार्यालय पहुंचे थे। इस दौरान उनके हाथ में पेट्रोल की बोतल थी। जैसे ही पुलिस की नजर उसपर पड़ी तुरंत माता-पिता को पकड़कर पेट्रोल की बोतल ले ली गई।
जानकारी के मुताबिक, पीड़ित अरविंद कुमार वरनवाल सिरदला थाना क्षेत्र के लौंद गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि सात जुलाई 2021 को नवादा नगर थाना क्षेत्र के गढ़पर मोहल्ले में अपनी बेटी काजल कुमारी का विवाह अबीर आर्यन से किया था। अरविंद कुमार ने आरोप लगाया कि कुछ दिन के बाद ही लड़के ने लड़की को घर से बाहर निकाल दिया और फिर मारपीट करना भी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि आठ मई 2022 को महिला थाना में 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। आखिर में बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए आत्महत्या करने की कोशिश की।
अरविंद ने आरोप लगाया कि दमाद का किसी दूसरी लड़की से अवैध संबंध है। दामाद दिल्ली में मेट्रो स्टेशन पर कंट्रोलर के रूप में कार्य करता है। काजल के साथ मारपीट की गई है। लेकिन एफआईआर के बाद भी महिला थाना प्रभारी ने करवाई नहीं थी। इस कारण ही आक्रोशित होकर परिवार के लोगों ने आत्महत्या का निर्णय लिया और हम पेट्रोल लेकर सीधा एसपी कार्यालय पहुंच गए।
एसपी ऑफिस में तैनात जवानों ने किसी तरह विवाहिता के परिवार को समझा-बुझाकर मामला को शांत कराया। साथ ही मामले में एक हफ्ते के अंदर कार्रवाई की बात कही गई है। हालांकि, विवाहिता के परिजन सोमवार को नवादा के पुलिस कप्तान से मुलाकात नहीं कर पाए। वहीं, महिला थाना प्रभारी से मामले की जानकारी के लिए संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
वहीं, नवादा एसपी अंबरीश राहुल ने बाद में प्रेस रिलीज कर जानकारी दी कि नवादा पुलिस कार्यालय में एक व्यक्ति पेट्रोल का बोतल लिए हुए कार्यालय के पास आए। वह खुद को पेट्रोल से आत्मदाह करने की कोशिश करने लगे। उसे पुलिस कार्यालय में पदस्थापित पदाधिकारी और कर्मियों के द्वारा आत्मदाह करने से रोका गया।
उन्होंने बताया कि इनकी पुत्री ने नवादा महिला थाना में आठ मई 2022 को दहेज अधिनियम के तहत प्रताड़ित करने के आरोप में मामला दर्ज करवाया था। उक्त मामले के संबंध में तथ्य यह है कि महिला थाना प्रभारी ने केस दर्ज होने के बाद तुरंत मामले की जांच शुरू कर दी थी। जांच में मामला चार लोगों के खिलाफ सत्य पाया गया था। मामले में सत्य पाए गए आरोपी को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य आदेश के आलोक में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41(A) के तहत बांड पर छोड़ा गया है। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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