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केंद्र सरकार द्वारा लाई गई सेना भर्ती की नई योजना अग्निपथ के खिलाफ बिहार में हुए प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा और आगजनी को लेकर भाजपा के विधायक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के पीछे जिहादियों का हाथ है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि सीएम नीतीश की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के नेताओं ने भी इस आग में घी डालने का काम किया है।
हिंसा के पीछे जिहादियों का हाथ
बिस्फी विधानसभा क्षेत्र के विधायक हरीशभूषण ठाकुर बछौल ने ये बातें जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन और संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहीं। भाजपा विधायक ने कहा कि पिछले दो दिनों में कोई घटना क्यों नहीं हुई? उन्होंने कहा कि इससे पहले हुई हिंसा के लिए निश्चित रूप से बड़े नेताओं के बयानों पर दोष लगाया जा सकता है। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी का विरोध करने वाले जिहादी तत्व हिंसा में शामिल थे, उन्हें लगा कि उन्हें इन नेताओं का समर्थन प्राप्त है।
जदयू के नेताओं ने दिया था ये बयान
दरअसल, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन और संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने ‘अग्निपथ’ के विरोध को जनता की सहज अभिव्यक्ति बताते हुए रक्षा सेवाओं में भर्ती की नई प्रणाली को वापस लेने का सुझाव दिया था।
नीतीश कुमार के बाद जदयू कहां होगी
उन्होंने सीएम नीतीश की पार्टी के नेताओं के इस सुझाव का भी मजाक उड़ाया कि भाजपा को जनता तक पहुंचना चाहिए और अग्निपथ के बारे में गलतफहमियों को दूर करना चाहिए ताकि हिंसा और विरोध को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि क्या ये लोग हमसे ज्यादा सक्रिय हैं? हम 1951 से जनता की सेवा में हैं और 2051 तक मजबूत स्थिति में रहेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के बाद जदयू कहां होगी?
एचएएम ने किया भाजपा विधायक के बयान का विरोध
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचएएम) ने उनके इन ताजा बयान का कड़ा विरोध किया। एचएएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि अग्निपथ विरोधी प्रदर्शनों में जिहादी कोण का सुझाव देने के लिए इस व्यक्ति को आगरा के पागलखाने में इलाज कराना चाहिए।
पहले भी देते रहे हैं ऐसे बयान
गौरतलब है कि बिस्फी विधानसभा क्षेत्र के विधायक हरीशभूषण ठाकुर बछौल इस तरह के भाषणों के लिए जाने जाते हैं। इससे पहले राज्य विधानसभा के बजट सत्र के दौरान उन्होंने सदन के पटल पर वंदे मातरम का नारा लगाने से इनकार करने पर AIMIM के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी। इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री के जन्म स्थान बख्तियारपुर का नाम बदलकर नीतीश नगर करने का सुझाव दिया था।
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