Home Bihar Bihar: बिहार के ‘ठाकुर’ को ढूंढ़ रही पुलिस, एक नेता ने रखा है इनाम, इस गैंगस्टर की मां मुखिया है

Bihar: बिहार के ‘ठाकुर’ को ढूंढ़ रही पुलिस, एक नेता ने रखा है इनाम, इस गैंगस्टर की मां मुखिया है

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Bihar: बिहार के ‘ठाकुर’ को ढूंढ़ रही पुलिस, एक नेता ने रखा है इनाम, इस गैंगस्टर की मां मुखिया है

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वर्चस्व के लिए गैंगवार का सबूत है यह तस्वीरें।

वर्चस्व के लिए गैंगवार का सबूत है यह तस्वीरें।
– फोटो : Social Media

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बिहार में आज भी गैंगवार होता है। नदी के किनारे की जमीन और फसल के लिए। पिछले साल 2 दिसंबर को जब गैंगवार हुआ तो एक पक्ष के चार लोगों की मौत हो गई, पांचवां लापता हो गया। संभव है कि पुलिस रिकॉर्ड में लापता हुए शख्स की भी कहीं ले जाकर हत्या कर दी गई हो। अब इस गैंगवार में शामिल बताए गए हत्यारा पक्ष के चार शूटरों को बिहार पुलिस सूरत से गिरफ्तार कर लाई है। लेकिन, इस गैंग का ‘ठाकुर’ अब भी पुलिस की पहुंच से दूर है। एक चर्चित राजनेता ने उसपर इनाम घोषित कर रखा है। छोड़ेंगे नहीं…कह रखा है। राज्य में सत्तारूढ़ एक युवा राजनेता का जातीय कॅरियर उस ‘ठाकुर’ के कारण लोगों ने दांव पर लगा रखा है। भोजपुरी के कलाकार तक ने इसे ‘नरसंहार’ करार दिया। आज गैंगवार की उस धरती और गैंगवार के मोस्ट वांटेड को भी जानते हैं। जानते हैं उस राजनेता को भी, जिसने इनाम और धमकी दोनों दी है। उस राजनेता को भी, जिसके कॅरियर को लोग दांव पर मान रहे। उस कलाकार को भी, जिसने ‘नरसंहार’ कहकर दु:ख जताया।

कटिहार, जहां आज भी गरजती हैं बंदूकें

चार जनवरी की शाम खबर आई कटिहार के कुरसेला से। दो पक्षों में गोलीबारी हो रही थी और खेत में काम कर रहे किसान की जान चली गई। वर्चस्व की ऐसी जंग वाली खबरें कटिहार से आती रहती हैं। पिछले साल दो दिसंबर को इसी तरह खबर आई थी- कटिहार के बकिया दियारा में दो गुटों के बीच वर्चस्व के लिए फायरिंग, आधा दर्जन मौत की आशंका। तब पुलिस ने एक शव बरामद होने पर एक ही मौत की पुष्टि की। ‘अमर उजाला’ ने खबर में जो आशंका जताई, संख्या लगभग वही पहुंच गई। चार की लाश बरामद हो सकी। एक की नहीं, जिसे एक महीने बाद भी पुलिस गुम बता रही है। भागलपुर के नौगछिया से कुरसेला होकर कटिहार और आगे पूर्णिया तक शानदार नेशनल हाइवे पर गाड़ियां दौड़ती हैं तो बीच रात में भी पुलिस पेट्रोलिंग दिखती है, मगर गुजरने वालों के जेहन में ‘डर’ कहीं न कहीं जरूर रहता है। क्योंकि, बिहार के इस जिले में आज भी बंदूकें कहीं से भी गरज उठती हैं। कटिहार में कई इलाके आज भी दुरूह और वीरान हैं। नदी में समाते-निकलते दियारा क्षेत्र भी हैं। दो राज्यों झारखंड व पश्चिम बंगाल की सीमा सटती है और नेपाल देश से भी यह सटा है। इसलिए अपराधियों के लिए यह पनाहगार भी है और सुरक्षित भी। इधर दबाव बना तो दूसरे राज्य या देश जाने का उपाय रहता है।

मोहना चांदपुर की मुखिया वांटेड मोहन ठाकुर की मां
कटिहार में मोहना चांदपुर एक जगह है। इसकी मुखिया हैं मोस्ट वांटेड मोहन ठाकुर उर्फ मोहना की मां। मोहन ठाकुर नाम है, लेकिन यह जाति से भूमिहार है। इसके गैंग में अन्य जातियों के भी लोग हैं, लेकिन कुछ लोगों ने मोहन ठाकुर की जाति के कारण इसे भूमिहारों का गैंग प्रचारित कर दिया है। इस प्रचार को सहारा इसलिए मिला, क्योंकि सामने सुनील यादव का गैंग है। इसमें यादव जाति के ही ज्यादा लोग हैं। इन दोनों के बीच दियारा की जमीन और उसकी फसल को लेकर गैंगवार चलता रहता है। कई बार राजनीतिक और जातिगत कारणों से भी गैंगवार होता है, क्योंकि पंचायत सरकार में भी वर्चस्व की लड़ाई चल रही है।

राजनेता; जिसने इनाम भी रखा, धमकी भी दे डाली
गुरुवार को कटिहार के एसपी जितेंद्र कुमार ने बताया कि “कटिहार पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स ने गुजरात के सूरत से मोहन ठाकुर गिरोह के मुख्य शूटर सुमन कुंवर, धीरज सिंह, अमन तिवारी और अभिषेक उर्फ टाइगर को पकड़ लिया है। एफआईआर में नामजद 23 आरोपियों में से इन चारों को मिलाकर अबतक 12 की गिरफ्तारी हो चुकी है। चार और संदिग्ध को उठाया गया है। 100 पुलिसकर्मी छापेमारी में अब भी लगे हैं।” लेकिन, मोस्ट वांटेड यानी आरोपी गिरोह का सरगना मोहन ठाकुर अब भी पुलिस गिरफ्त में नहीं आया है। सुनील यादव गैंग के लोगों की गैंगवार में मौत के बाद बिहार में इसपर राजनीति बहुत तेज रही, खासकर सोशल मीडिया पर। जमीन पर यादवों की ओर से आवाज उठाने के लिए पहुंचे पप्पू यादव। पप्पू ने इन हत्याओं पर कहा- “या तो मरेंगे या मारेंगे, चैलेंज है मेरे लिए। कानून हाथ में नहीं लेंगे, लेकिन छोड़ेंगे नहीं। जिस राज्य की पुलिस उसे पकड़ लाएगी, उसे दो लाख का इनाम देंगे।” उनके ध्यान में झारखंड, पश्चिम बंगाल रहा होगा, लेकिन अब इस गैंग के चार शूटर गुजरात से गिरफ्तार किए गए हैं तो राजनीति भी गुजरात की ओर घूमेगी।

राजनेता, जिसके जातिगत कॅरियर पर दांव की चर्चा
इस गैंगवार में मारे गए लोग यादव जाति के थे, इसलिए जातिगत राजनीति हावी हुई। तत्काल बात लालू परिवार तक पहुंच गई। सोशल मीडिया पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के राजनीतिक कॅरियर को लोगों ने दांव पर रख दिया। लालू को किडनी डोनेट कर डिस्चार्ज होने की खबर देने के बाद रोहिणी आचार्या ने अगला पोस्ट इसी हत्याकांड पर किया। मगर, तेजस्वी के खिलाफ राजनीति करने वाले कहने लगे कि लालू प्रसाद यादव अगर सत्ता में होते तो ऐसा नहीं होता या ऐसा करने वाले नहीं बचते। लालू परिवार ने कांड को लेकर सोशल मीडिया की बातों को संभालने की कोशिश तो की, लेकिन तेजस्वी के घटनास्थल पर नहीं जाने को लेकर अब भी कुछ न कुछ लिखा जा रहा है। लिखने वाले यह तक लिख रहे कि तेजस्वी ने जाति को छोड़ दिया।

अभिनेता, जिसने नरसंहार कहकर दुख जताया
भोजपुरी अभिनेता खेसारी लाल यादव इस गैंगवार के बाद सोशल मीडिया पर आए और उन्होंने खुलकर इसे नरसंहार करार दिया। खेसारी का वीडियो एक महीने बाद भी  यादव जाति के सोशल मीडिया यूजर शेयर कर रहे हैं। खेसारी ने इसे जाति से जोड़ने से मना किया, लेकिन सोशल मीडिया पर लिखने वालों ने जाति के आधार पर ही उनके वीडियो को शेयर किया।

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बिहार में आज भी गैंगवार होता है। नदी के किनारे की जमीन और फसल के लिए। पिछले साल 2 दिसंबर को जब गैंगवार हुआ तो एक पक्ष के चार लोगों की मौत हो गई, पांचवां लापता हो गया। संभव है कि पुलिस रिकॉर्ड में लापता हुए शख्स की भी कहीं ले जाकर हत्या कर दी गई हो। अब इस गैंगवार में शामिल बताए गए हत्यारा पक्ष के चार शूटरों को बिहार पुलिस सूरत से गिरफ्तार कर लाई है। लेकिन, इस गैंग का ‘ठाकुर’ अब भी पुलिस की पहुंच से दूर है। एक चर्चित राजनेता ने उसपर इनाम घोषित कर रखा है। छोड़ेंगे नहीं…कह रखा है। राज्य में सत्तारूढ़ एक युवा राजनेता का जातीय कॅरियर उस ‘ठाकुर’ के कारण लोगों ने दांव पर लगा रखा है। भोजपुरी के कलाकार तक ने इसे ‘नरसंहार’ करार दिया। आज गैंगवार की उस धरती और गैंगवार के मोस्ट वांटेड को भी जानते हैं। जानते हैं उस राजनेता को भी, जिसने इनाम और धमकी दोनों दी है। उस राजनेता को भी, जिसके कॅरियर को लोग दांव पर मान रहे। उस कलाकार को भी, जिसने ‘नरसंहार’ कहकर दु:ख जताया।



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