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रेलवे ट्रैक पर फंसा तेंदुए का शव
स्थानीय लोगों ने मीडिया को जानकारी दी कि वाल्मीकि नगर रेलवे स्टेशन के पनियहवा रेलवे स्टेशन के ठीक बीच से होते हुए वीटीआर होते हुए एक रेलवे लाइन गुजरी है। इस ट्रैक पर हमेशा जानवर चलते हुए दिखाई दे जाते हैं। रेलवे की ओर से कोई वॉच टावर की व्यवस्थआ नहीं की गई है। कई बार ट्रेन की चपेट में आने से जानवरों की मौत हो जाती है। हालांकि रेलवे ने कई जगह पर ट्रैक के दोनों तरफ घेरा बनाया हुआ है। उसके बावजूद इस रास्ते में पड़ने वाले नाला के पास से जानवरों को चढने की जगह मिल जाती है। रविवार की सुबह तेंदुआ बाहर निकलने के बाद ट्रैक को पार कर रहा था उसी वक्त एक मालगाड़ी गुजरी। तेंदुआ माल गाड़ी की चपेट में आ गया।
तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम
वन विभाग के अधिकारी उमेश कुमार ने बताया कि तेंदुए के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। उसके शव को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है। सभी अधिकारियों को इस बाबत सूचित किया गया है। ट्रेन की गति और ड्राइवर की लापरवाही की भी जांच की जाएगी। जानकारी के मुताबिक पिछले साल तेंदुओं की संख्या 98 थी। विभिन्न कारणों से तीन तेंदुओं की मौत हो चुकी है। इस साल अभी तक दो तेंदुओं की जान जा चुकी है।
पहले भी हुई है घटना
इससे पूर्व भी वन विभाग की लापरवाही और रेलवे ट्रैक सुरक्षित नहीं होने की वजह से ऐसी घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं में बाघ, तेंदुए और गेंडे इसके शिकार हुए हैं। घटना के बाद विभाग ये कहकर शांत हो जाता है कि जांच कराई जाएगी। पूर्व के आंकड़े बताते हैं कि मदनपुर वन क्षेत्र के नौरंगिया जंगल में एक बाघ की मौत आयरन ट्रैप में फंसने से हुई थी। वहीं 2015 में एक बाघ की मौत ट्रेन से हुई थी। उसके बाद उसी साल एक गैंडे की मौत हुई थी। इसके अलावा 28 अगस्त 2022 को वीटीआर में भालू थापा के नजदीक बिसहिया नाला के पास एक तेंदुए का शव मिला था। उसके अलावा पिछले साल मई में एक तेंदुए की मौत हुई थी।
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