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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाधान यात्रा के दौरान बांका में कुशवाहा पर काफी कुछ बोला।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
जनता दल यूनाईटेड (JDU) संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की ओर से JDU के इलाज को लेकर बुलाई गई बैठक की घोषणा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस मामले पर लगाई चुप्पी तोड़ डाली है। नीतीश ने साफ कहा कि इस बार कुशवाहा के बोलने पर प्रचार मिलने का मतलब साफ है कि वह किसी के इशारे पर चल रहे हैं। पिछले हफ्ते उन्होंने कुशवाहा के मामले पर घोषणा कर चुप्पी साधी थी, लेकिन अब बांका में समाधान यात्रा के दौरान उन्होंने बहुत कुछ पुरानी बातें दुहरा डालीं।
कुशवाहा की ओर से जदयू की बैठक बुलाए जाने पर…
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सब चीजों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। हमने उस आदमी को कितना आगे बढ़ाया! विधायक बनाया, फिर अपनी पार्टी का विधानसभा में लीडर भी बनाया, उसके बाद भी वह पार्टी छोड़कर भाग गए। फिर साथ आए तो हमने उन्हें राज्यसभा का सदस्य बना दिया। उसके बाद वह फिर से पार्टी छोड़ कर चले गए। अब तीसरी बार पार्टी में आए तो भरोसा दिलाया कि हम हर हाल में पार्टी में रहेंगे। आजकल वे क्या से क्या बोलने लगे हैं! इसका क्या मतलब है। वह पार्टी में क्यों आए? वह आए तो हमने उन्हें इज्जत दी।
कुशवाहा से किसी तरह की बातचीत होने के मुद्दे पर…
मुख्यमंत्री ने कहा- उन्होंने कहा था कि वह हमसे बात करेंगे, लेकिन उन्होंने मुझसे बात ही नहीं की। मेरे समझाने पर पार्टी के लोग उनको लेकर सहमत हो गए थे। हम उनको हमेशा इज्जत देते रहे हैं। उन्हें अब अचानक क्या हो गया है, मुझे पता नहीं।
कुशवाहा के इस रवैए को लेकर…
दो महीने के अंदर ही यह सब हुआ है। इसको लेकर वह अब रोज बोल रहे हैं। किसी और के इशारे पर वह बोल रहे हैं, इसलिए उनका इतना प्रचार हो रहा है। हमारी पार्टी के कोई लोग बोलते हैं तो उसका उतना प्रचार नहीं होता है। उनकी जो इच्छा है, वह करें। दो बार वह पहले भी पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। तीसरी बार हमने उन्हें एक्सेप्ट किया।
किसके इशारे पर कुशवाहा का यह रवैया…
मुख्यमंत्री ने कहा- कुछ दिन बाद सब पता चल जाएगा। सभी का इतना प्रचार नहीं होता है, जितना उनका प्रचार हो रहा है तो आपलोग तो समझ ही रहे हैं। जब किसी का प्रचार हो तो समझ जाइए कि कहां से प्रचार करवाया जा रहा है। कौन इसके लिए उन्हें मौका दे रहा है।
कुशवाहा को लेकर जवाब कौन देगा…
हमलोगों की पार्टी के अध्यक्ष ने सभी बातों को कह दिया है। हमने भी सबों को कह दिया है कि किसी को कुछ बोलने की जरूरत नहीं है। उन्हें जो इच्छा है, वह बोलते रहें। हमें इससे कोई मतलब नहीं है।
पार्टी के बीमार होने की बात पर…
इस बार पिछली बार से ज्यादा लोग पार्टी के सदस्य बने हैं। हमलोगों के इधर आने के फैसले के वक्त सभी लोग एक साथ ही थे। अब उन्हें क्या हो गया है, मुझे पता नहीं। जो जाना चाहें उन्हें जाने दीजिए। इससे पार्टी को कुछ नहीं होने वाला है। इसको लेकर आपलोग चिंत मत कीजिए।
भाजपा को लेकर इशारों-इशारों में…
पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान हमलोगों की पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ अभियान चलाया गया, जबकि हमलोगों ने उस पार्टी को पूरा सपोर्ट किया। अगर कोई पार्टी में आता है और फिर चला जाता है तो जाए, इससे हमलोगों को कोई मतलब नहीं है। पार्टी में रहिएगा और काम कीजिएगा तो ठीक है, लेकिन अगर आप रोज खिलाफ में बोलिएगा तो इसका साफ मतलब है कि आपका कहीं और जाने का विचार हो गया है।
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