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पटना. सीएम नीतीश कुमार के संकट मोचक माने-जाने वाले वर्तमान में राष्ट्रीय प्रेसिडेंट राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह पर नीतीश कुमार ने एक बार फिर भरोसा जताया है. सीएम नीतीश कुमार ने यह साफ कर दिया है कि वर्तमान राजनीतिक हालात में उनके बेहद करीबी ललन सिंह से बेहतर कोई ऐसा नहीं है जो जदयू में यह कुर्सी संभाल सके. यही वजह है कि राज्य कार्यकारिणी की बैठक के दौरान ही नीतीश कुमार ने साफ इशारा कर दिया था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी पर ललन सिंह ही रहेंगे. इसके लिखित प्रस्तावक भी खुद नीतीश कुमार ही बने हैं.
इसके साथ ही यह साफ हो गया कि ललन सिंह की अगुवाई में ही आने वाला लोकसभा चुनाव में जदयू जाएगी. जब नीतीश कुमार ने राज्य परिषद की बैठक में ऐलान किया कि ललन बाबू ही राष्ट्रीय प्रेसिडेंट बनेंगे तो बैठक में मौजूद तमाम लोगों ने ताली बजाकर इसका स्वागत किया. लेकिन, इस दौरान ललन सिंह बैठे रहे, तब लगातार बैठक में नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से आवाज हुई कि ललन बाबू आप खड़े होकर अपनी सहमति दीजिए. बावजूद इसके ललन सिंह खड़े नहीं हो रहे थे तब वरिष्ठ नेता और मंत्री विजेंद्र यादव ने ललन सिंह को हाथ पकड़ उठाया और इसके बाद जदयू की बैठक में जोरदार ताली बजी और इसका स्वागत हुआ.
अपनी दावेदारी पर ललन सिंह ने कही बड़ी बात
आपके शहर से (पटना)
इस बारे में जब न्यूज 18 ने ललन सिंह से पूछा तो उन्होंने कहा कि मैं इस विषय पर मैं 11 दिसंबर को बोलूंगा. लेकिन, अगर मुझे ज़िम्मेदारी मिलती है तो पार्टी को 2005 वाली स्थिति में फिर से ला दूंगा. मेरी कोशिश रहेगी कि संगठन की जड़ ज़मीन तक पहुंचे और पार्टी में ज़्यादा से ज्यादा युवा जुड़े. साथ ही जो पुराने लोग थे उन्हें भी पार्टी में वापस लाया जाए. ललन सिंह बताते हैं कि जदयू राष्ट्रीय पार्टी बने, इसको लेकर पार्टी के लोग लगातार मेहनत केआर रहे हैं. मैं भी इस क़वायद में लगा हुआ हूं. नागालैंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में उम्मीद है कि पार्टी काफी बेहतर करेगी और जदयू को राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता मिलेगी.
नीतीश कुमार के काफी करीब हैं ललन सिंह
दरअसल ललन सिंह नीतीश कुमार के ना सिर्फ़ करीबी हैं, बल्कि लम्बे समय तक संघर्ष के साथी भी रहे हैं. राजनीतिक जानकारों के अनुसार जिस वक्त नीतीश कुमार लालू यादव के खिलाफ राजनीतिक संघर्ष कर रहे थे. उस वक्त से ललन सिंह नीतीश कुमार के साथ चट्टान जैसे खड़े रहे हैं. जब भी नीतीश कुमार पर राजनीतिक संकट आया ललन सिंह नीतीश कुमार के ढाल बनकर सामने खड़े हो गए. यही वजह है कि बीच में कुछ सालों को छोड़ दीजिए तो दोनों का साथ काफी मजबूत रहा है.
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प्रथम प्रकाशित : 30 नवंबर, 2022, 00:16 पूर्वाह्न IST
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