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व्यवहार न्यायालय, औरंगाबाद
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
औरंगाबाद व्यवहार कोर्ट में शुक्रवार को एक मामले की अंतिम सुनवाई होने वाली थी। कोर्ट में अभियुक्त भी मौजूद था। यहां अभियुक्त को अहसास हुआ कि कोर्ट उसे आज या तो दोषी करार दे देगी या सजा सुना देगी। इससे बचने के लिए वह मौका देख कर भरी अदालत से फरार हो गया। इसके बाद पुलिस फौरन हरकत में आई और उसे मोबाइल लोकेशन के जरिए पकड़ लिया।
दरअसल, कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी के फरार होने के बाद पुलिस फौरन एक्शन में आ गई। इसके बाद पुलिस ने उसके मोबाइल नंबर से उसकी लोकेशन को ट्रेस कर ली। फिर उसे ट्रैप कर कोर्ट में पेश कर दिया। मामले में कोर्ट ने उसे दोषी करार दे दिया। अब कोर्ट तीन मार्च को सजा सुनाएगी। तब तक के लिए कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द कर उसे जेल भेज दिया है। यह मामला औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय के स्पेशल उत्पाद कोर्ट-1 से जुड़ा है।
स्पेशल पीपी अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि कोर्ट के न्यायाधीश धनंजय कुमार सिंह की अदालत में शुक्रवार को रफीगंज थाना कांड संख्या-166/19 में निर्णय पर सुनवाई होने जा रही थी। इसी दौरान अभियुक्त फरार हो गया। फरार होने के कुछ ही देर बाद औरंगाबाद नगर थाना की पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर अभियुक्त को जेल रोड से पकड़ कर न्यायालय में पेश कर दिया। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले के एकमात्र अभियुक्त मिस्टर मियां को बिहार मद्य निषेध उत्पाद अधिनियम के तहत दोषी करार दिया। कोर्ट ने सजा के बिंदु पर सुनवाई की तारीख तीन मार्च निर्धारित की है।
अभियुक्त पर यह है आरोप
उत्पाद विभाग के विधिक सलाहकार शेखर कुमार ने बताया कि आरोपी मिस्टर मियां रफीगंज थाना के काजीचक का निवासी है। पुलिस अवर निरीक्षक नरेंद्र कुमार ने उसे 10 जुलाई 2019 को 8,583 लीटर शराब के साथ काजीचक से ही गिरफ्तार किया था। आरोप है कि वह शराब की बिक्री का अवैध धंधा करता था।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ बिहार मद्य निषेध उत्पाद अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था। बाद में अभियुक्त को कोर्ट से जमानत मिली थी। फिलहाल वह जमानत पर जेल से बाहर था। शुक्रवार को उसके मामले की अंतिम सुनवाई थी। इसी दौरान कोर्ट से फरार होकर उसने यह बखेड़ा कर दिया।
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