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लोगों ने पुलिस के संरक्षण में शराब मिलने की बात कह सुनाई।
– फोटो : अमर उजाला
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वह नशे में था, यह आंखें बता रही थीं। थोड़ा भी अंदाजा नहीं था कि स्वीकार करेगा। लेकिन, उस आदमी ने झटका दिया। लोग विकास की बात से शराब की चर्चा करने लगे थे तो हमने कह दिया कि आपकी आंखें तो कुछ इशारा कर रही हैं। इसपर उस आदमी ने सीना ठोककर कहा- “हमलोग पिए हुए हैं। दारू पिए हुए हैं। इंग्लिश। अभी कहिएगा, अभी आ जाएगा। 280 रुपया में देता है। नाम उसका है ….(शीतल पेय)। ….(शराब के ब्रांड) को कोड लैंग्वेज में ….(शीतल पेय ब्रांड) कहते हैं। बंगाल का है।” एक झटके में शराबबंदी का प्रमाण भी सामने था, रेट भी और मार्केटिंग प्लान भी। खगड़िया में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यात्रा से करीब 15 घंटे पहले ‘अमर उजाला’ ने यहां के लोगों से विकास पर बात करनी चाही, तो यह वाकया सामने आया।
विकास नहीं मिलेगा यहां, शराब जिधर चाहिए उधर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को लोक जनशक्ति पार्टी के जनक रामविलास पासवान के गृह क्षेत्र खगड़िया में समाधान यात्रा पर पहुंचे। पासवान के पैतृक आवास के करीब 20 किलोमीटर दूर अलौली प्रखंड में राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय के उद्घाटन के साथ लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान भी करने के लिए। लोगों को किन समस्याओं का समाधान चाहिए, इस बारे में जानकारी के लिए पहुंचे रिपोर्टर को खगड़िया के देहाती क्षेत्रों में जाने से पहले शहर में ही लोगों ने बहुत कुछ बता-सुना और दिखा दिया। लोगों ने कहा कि खगड़िया में राजेंद्र चौक से बखरी बस स्टैंड तक रोड ही नहीं, इसलिए मुख्यमंत्री का काफिला इधर से नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री जाएंगे तो यहीं पलट जाएंगे। इसके बाद लोगों ने यह भी कहा कि हालत ऐसी है कि बाजार आएंगे तो विरोध होगा। इसके बाद लोगों ने खुद ही बातचीत को शराब की तरफ मोड़ दिया। सड़क की हालत बताते-बताते बखरी बस स्टैंड का जिक्र हुआ और इसी के साथ बताने लगे कि उस तरफ जाइए तो विकास की जगह नशा का सबकुछ मिल जाएगा।
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