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सार
15 दिन से कोई पीछे लगा था, सोमवार को सोनपुर पुल से हाजीपुर गांधी चौक आते ही उसकी स्कूटी रोक ली गई। और, इसी के साथ टूट गया उसका प्रशासनिक अधिकारी बनने का सपना।
शराब ले जाते पकड़ा गया आशुतोष लगातार रोता रहा।
– फोटो : अमर उजाला
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ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी होते ही बिहार लोक सेवा आयोग की प्रशासनिक सेवा परीक्षा देनी थी। इसलिए, पटना के कॉलेज में ग्रेजुएशन के दौरान ही बीपीएससी के लिए कोचिंग में दाखिला ले लिया। घर की माली हालत ठीक नहीं तो पार्ट टाइम जॉब तलाशने लगा। यही ढूंढ़ते हुए कुछ ऐसे लोगों से संपर्क हुआ, जो शराब हैंडलर का काम कराते हैं। पहले डर लगा, फिर हिचकिचाया और फिर सब नॉर्मल हो गया। सोनपुर से टेट्रा पैक शराब लाकर हाजीपुर में वेंडर को देने लगा। 15 दिन से कोई पीछे लगा था, सोमवार को सोनपुर पुल से हाजीपुर गांधी चौक आते ही उसकी स्कूटी रोक ली गई। और, इसी के साथ टूट गया प्रशासनिक अधिकारी बनने का सपना। शराब के साथ पकड़े जाने के कारण 18 साल के आशुतोष राज की इस कहानी का अब मजाक बन रहा है।
बढ़िया लक्ष्य के लिए गलत रास्ता चुनने पर मजाक
तीन महीने पहले पटना के एक बड़े कोचिंग इंस्टीट्यूट में दाखिले का भी मजाक बन रहा है, राजधानी के एक पुराने कॉलेज में उसकी पढ़ाई का भी और बॉल बैडमिंटन की नेशनल प्लेयर उसकी दीदी का भी। माली हालत भले ठीक नहीं थी, मगर सोनपुर निवासी वर्मा प्रसाद ने भी कई अरमान पाले थे। आशुतोष भी उन अरमानों के लिए प्रयासरत था, लेकिन अब उसके गलत रास्ता चुनने की चर्चा ज्यादा है। आबकारी निरीक्षक अजीत कुमार के अनुसार, 15 दिन से जानकारी मिल रही थी कि एक युवक सोनपुर से अंग्रेजी शराब की डिलीवरी देने आता है। सोमवार को उसे पकड़ने के लिए सोनपुर पुल के उस पार से ही जवान को तैनात रखा गया था। गांधी चौक के पास उसे रोका गया। स्कूटी पर बैगपैक पैर के पास रखा था। खोलने पर 25 टेट्रापैक 8 पीएम ब्रांड की शराब मिली।
सख्ती बढ़ी, इसलिए रोना-गिड़गिड़ाना गया बेकार
जिस जगह पर पकड़ा गया, वहां से भागना भी संभव नहीं था। पकड़े जाने के बाद से युवक काफी देर तक गिड़गिड़ाता रहा कि उसका कॅरियर खत्म हो जाए, परिवार की इज्जत चली जाएगी…मगर किसी ने एक नहीं सुनी क्योंकि जहरीली शराब कांड के बाद से शराब की जांच को लेकर सख्ती बहुत बढ़ी हुई है। आबकारी के अधिकारी लगातार मुखबिरों के जरिए सूचना जुटाने में लगे हैं। ऐसी ही एक सूचना पर काम करते हुए आशुतोष को पकड़ा गया।
विस्तार
ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी होते ही बिहार लोक सेवा आयोग की प्रशासनिक सेवा परीक्षा देनी थी। इसलिए, पटना के कॉलेज में ग्रेजुएशन के दौरान ही बीपीएससी के लिए कोचिंग में दाखिला ले लिया। घर की माली हालत ठीक नहीं तो पार्ट टाइम जॉब तलाशने लगा। यही ढूंढ़ते हुए कुछ ऐसे लोगों से संपर्क हुआ, जो शराब हैंडलर का काम कराते हैं। पहले डर लगा, फिर हिचकिचाया और फिर सब नॉर्मल हो गया। सोनपुर से टेट्रा पैक शराब लाकर हाजीपुर में वेंडर को देने लगा। 15 दिन से कोई पीछे लगा था, सोमवार को सोनपुर पुल से हाजीपुर गांधी चौक आते ही उसकी स्कूटी रोक ली गई। और, इसी के साथ टूट गया प्रशासनिक अधिकारी बनने का सपना। शराब के साथ पकड़े जाने के कारण 18 साल के आशुतोष राज की इस कहानी का अब मजाक बन रहा है।
बढ़िया लक्ष्य के लिए गलत रास्ता चुनने पर मजाक
तीन महीने पहले पटना के एक बड़े कोचिंग इंस्टीट्यूट में दाखिले का भी मजाक बन रहा है, राजधानी के एक पुराने कॉलेज में उसकी पढ़ाई का भी और बॉल बैडमिंटन की नेशनल प्लेयर उसकी दीदी का भी। माली हालत भले ठीक नहीं थी, मगर सोनपुर निवासी वर्मा प्रसाद ने भी कई अरमान पाले थे। आशुतोष भी उन अरमानों के लिए प्रयासरत था, लेकिन अब उसके गलत रास्ता चुनने की चर्चा ज्यादा है। आबकारी निरीक्षक अजीत कुमार के अनुसार, 15 दिन से जानकारी मिल रही थी कि एक युवक सोनपुर से अंग्रेजी शराब की डिलीवरी देने आता है। सोमवार को उसे पकड़ने के लिए सोनपुर पुल के उस पार से ही जवान को तैनात रखा गया था। गांधी चौक के पास उसे रोका गया। स्कूटी पर बैगपैक पैर के पास रखा था। खोलने पर 25 टेट्रापैक 8 पीएम ब्रांड की शराब मिली।
सख्ती बढ़ी, इसलिए रोना-गिड़गिड़ाना गया बेकार
जिस जगह पर पकड़ा गया, वहां से भागना भी संभव नहीं था। पकड़े जाने के बाद से युवक काफी देर तक गिड़गिड़ाता रहा कि उसका कॅरियर खत्म हो जाए, परिवार की इज्जत चली जाएगी…मगर किसी ने एक नहीं सुनी क्योंकि जहरीली शराब कांड के बाद से शराब की जांच को लेकर सख्ती बहुत बढ़ी हुई है। आबकारी के अधिकारी लगातार मुखबिरों के जरिए सूचना जुटाने में लगे हैं। ऐसी ही एक सूचना पर काम करते हुए आशुतोष को पकड़ा गया।
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