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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
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काबिल बनो, कामयाबी झक मार कर तुम्हारे पीछे आएगी। इस पंक्ति को बिहार की चिंता देवी ने सच कर दिखाया है। चिंता देवी कभी सिर पर मैला ढोने का काम करती थीं, लेकिन अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने डिप्टी मेयर बनने का तमगा हासिल किया। हाल ही में हुए बिहार नगर निकाय चुनाव में गया जिले के मतदाताओं ने चिंता देवी को डिप्टी मेयर की कुर्सी पर बैठा दिया। इसी नगर निगम क्षेत्र में करीब 40 वर्षों तक उन्होंने झाड़ू लगाने का काम किया।
बता दें कि चिंता देवी ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं हैं, लेकिन उन्होंने गया क्षेत्र को स्वच्छता का ऐसा पाठ पढ़ाया है कि लोग उनके मुरीद हो गए। चिंता देवी रोजाना मैला ढोने और झाड़ू लगाने का काम करती थीं। हालांकि, सेवानिवृत्त होने बाद से वे सब्जी बेचने का काम करती हैं, लेकिन इस बार गया नगर निगम के डिप्टी मेयर का पद आरक्षित होने के कारण चिंता देवी ने चुनावी मैदान में कदम रखने का फैसला किया। इस चुनाव में उन्होंने निकिता रजक को 27 हजार से अधिक वोटों से हराया है।
पूर्व डिप्टी मेयर ने की प्रशंसा
गया के पूर्व डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि चिंता देवी ने मैला ढोने वाली महिला के रूप में डिप्टी मेयर के पद का चुनाव जीतकर इतिहास रचा है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि शहरवासी दबे-कुचले लोगों का समर्थन कर उन्हें समाज में आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
कभी नहीं सोचा था, इतनी शोहरत मिलेगी: चिंता देवी
n चिंता देवी ने कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि कभी यहां तक पहुंच पाऊंगी। लोग इतना मान देंगे, इसकी कल्पना नहीं की थी। सच कहूं, तो अगर आप अपना काम करते रहें तो जनता भी सम्मान देती है।
पति का हो चुका है निधन
चिंता देवी के पति का बहुत पहले ही निधन हो गया था, लेकिन उन्होंने शहर को साफ रखने के अपना काम को कभी नहीं छोड़ा। उन्होंने अपने दायित्व का ईमानदारी से पालन किया और लोगों के दिलों में भी अपना एक खास स्थान बनाया।
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