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मंगलवार को चार घंटे तक बीपीएससी के बाहर प्रदर्शन।
– फोटो : अमर उजाला
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बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के दफ्तर के बाहर और अंदर मंगलवार को जबरदस्त गहमागहमी रही। घंटों बाहर में अभ्यर्थी परीक्षाफल में गड़बड़ी का आरोप लगाकर बीपीएससी के अफसरों के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। उसके बाद अभ्यर्थियों का एक तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बीपीएससी चेयरमैन अतुल प्रसाद से मिलने पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने बाकी अनियमितताओं के आरोप के साथ चेयरमैन को दिखाया कि कैसे ओएमआर शीट पर कलम से रंगे गए गोले की स्याही मिट सकती है। चेयरमैन यह देख चौंक गए, हालांकि उन्होंने अभ्यर्थियों की उस मांग को नहीं माना कि ओएमआर शीट में गड़बड़ी की सीबीआई से जांच कराई जाए। उन्होंने बाकी मांगों को समझते हुए प्राथमिक परीक्षा (PT) की आंसर शीट जांचने के लिए विशेष पैनल के गठन की घोषणा जरूर की।
अंतिम तौर पर जारी उत्तर में भी गलतियों का आरोप
बीपीएससी 67वीं पीटी परीक्षा का परिणाम आने के बाद से ही अभ्यर्थियों में भारी आक्रोश है। आरोप है कि आपत्तियां लेने के बावजूद अंतिम रूप से जो आंसर जारी किए गए, उनमें 8 प्रश्नों के उत्तर बदल दिए गए। आरोप यह भी है कि इस उत्तर में भी गलतियां हैं। इसी आधार पर अभ्यर्थियों की मांग है कि संशोधित उत्तर जारी करते हुए रिजल्ट फिर से जारी किया जाए। अभ्यर्थियों ने इस हेरफेर के आरोप में परीक्षा नियंत्रक को हटाया जाए। इसके अलावा, 8 मई को हुई पीटी में प्रश्नपत्र लीक की जांच सीबीआई से कराई जाए।
सीबीआई जांच और बर्खास्तगी पर निर्णय नहीं ले सकते
सीबीआई जांच और परीक्षा नियंत्रक को हटाए जाने की मांग पर कार्यवाही को चेयरमैन ने राज्य सरकार का विषय बता दिया। उन्होंने करीब डेढ़ घंटे प्रतिनिधिमंडल से एक-एक बात समझने के बाद भरोसा दिलाया कि परिणाम को लेकर शंकाओं का समाधान किया जाएगा। वार्ता के बाद लौटे प्रतिनिधिमंडल के छात्र नेता दिलीप कुमार ने बताया कि चेयरमैन ने 67वीं प्राथमिक परीक्षा के उत्तरों की जांच के लिए नया पैनल बनाने की घोषणा की है। छात्र नेताओं ने कहा कि अगर इस वार्ता में हुई बातों के आधार पर बीपीएससी अगर गलतियों में सुधार का प्रयास नहीं करता है तो कुछ घंटे का यह आंदोलन बहुत बड़े रूप में सामने आएगा।
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