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पुलिस ने सिपाही बन चुकी युवती का बयान दर्ज किया।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
पुलिस पुरानी फाइलों की धूल हटाना शुरू करे तो कुछ ऐसा भी संभव है। एक नाबालिग के अपहरण की फाइल 2018 से पड़ी थी। ऐसी कि परिवार वालों को भी नहीं पूछा गया कि उनकी लड़की मिल गई क्या? अब 2023 में आकर पूछा गया तो पता चला कि वह बालिग होकर दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल बन गई है। ट्रेनिंग कर रही है। इस केस में एक चौंकाने वाली बात यह भी है कि जब उसकी नौकरी हो रही होगी तो निश्चित तौर पर मूल घर के इसी थाने से पुलिस वेरीफिकेशन भी हुआ होगा। अभी न तो थाना और न परिवार वाले इसपर कुछ बता रहे हैं, लेकिन अच्छी बात है कि इसी बहाने अपहरण का केस 5 साल बाद फर्जी निकला और शादी का दबाव होने पर घर से भागी लड़की कांस्टेबल बनकर पैरों पर खड़ी हो रही है। परिजनों ने लड़की के कॅरियर को ध्यान में रखते हुए नाम नहीं छापने की मांग रखी, इसलिए ‘अमर उजाला’ पूरी जानकारी के बावजूद इसे सामने नहीं ला रहा है।
पांच साल बाद पुलिस ने परिवार से पूछताछ की
बोचहां थाना की ओर से इस केस के जांच अधिकारी रमाशंकर प्रसाद राय ने बताया कि जब यह फाइल उनके पास आई तो वह केस करने वाले परिवार के घर पहुंचे। कोर्ट में बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया। इसपर यह जानकारी मिली कि उस समय नाबालिग रही लड़की ने पढ़ाई रोक शादी होने के डर से घर छोड़ा था। किसी की मदद से दिल्ली गई और अपनी फुआ के पास रहने लगी। मतलब, अपहरण का केस दर्ज हुआ लेकिन ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था। इसपर परिवार वालों को कहा गया कि बेटी को बुलाकर कोर्ट में बयान दर्ज कराएं। फिर सिपाही बन चुकी युवती से संपर्क किया गया। उसे पुलिस और कोर्ट की प्रक्रिया से अवगत कराया गया तो मुजफ्फरपुर आई और बोचहां थाना पहुंची। पुलिस ने उसका बयान दर्ज कर लिया है।
मजदूर पिता को संबल देने के लिए भागी
लड़की से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसके पिता एक मजदूर हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी। तभी उसने सोचा कि कुछ कर दिखाना है और पैरों पर खड़ा होना है। इसके बाद वह दिल्ली चली गई। वहां पढ़ाई शुरू कर दी। इस दौरान दिल्ली पुलिस कांस्टेबल में उसका सिलेक्शन हो गया। अभी वह ट्रेनिंग कर रही है। मंगलवार को पुलिस उसका कोर्ट में बयान दर्ज कराने की कवायद में जुटी हुई है। बोचहां थाना इस बात की जानकारी भी जुटाने की बात कह रहा है कि पुलिस वेरीफिकेशन अगर कराया गया तो उस दौरान 2018 के अपहरण केस की जानकारी कैसे नहीं सामने आई।
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