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Bihar: उपेंद्र कुशवाहा पर बोले नीतीश- सभी के खिलाफ रहते भी साथ रखा, काम अच्छा कर रहे थे…पता नहीं क्या हो गया

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Bihar: उपेंद्र कुशवाहा पर बोले नीतीश- सभी के खिलाफ रहते भी साथ रखा, काम अच्छा कर रहे थे…पता नहीं क्या हो गया

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कुशवाहा पर अंतिम बार कुछ बोलने की बात कह गए नीतीश।

कुशवाहा पर अंतिम बार कुछ बोलने की बात कह गए नीतीश।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता दल यूनाईटेड (JDU) संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बारे में कहा कि हम तो प्रेम ही करते हैं। स्नेह रखते हैं। पार्टी में बहुत सारे लोग नहीं चाहते थे, फिर भी साथ रखा। काम भी अच्छा कर रहे थे। पता नहीं क्या हो गया, जो जहां-तहां कुछ बोल रहे हैं। ट्वीट कर रहे हैं। हमको जो कहना था, पहले ही कह दिया था। यह बात अब आगे मत पूछिए। उनके बारे में उन्हीं से पूछिए। आज के बाद पूछिएगा तो हम प्रणाम कर लेंगे।

किस बात पर नीतीश ने क्या कहा, जानें

कुशवाहा की पीसी और ट्वीट को लेकर…

किसी पॉलिटिकल पार्टी में कोई बात होती है तो आपस में चर्चा होती है। प्रतिदिन उसके बारे में कुछ बोला जाता है! लोग अपनी बात ट्वीट करता है। यह तो सिस्टम है ही नहीं। बार-बार आपलोग पूछ रहे थे। दर्जनों बार पूछ लिए। हम तो टालते ही करते रहे। हमने कहा कि इस सबका मतलब नहीं। मिलकर बात करनी चाहिए। ऐसे, किसी को अगर लगता है तो जो जैसा करे।

कुशवाहा को जदयू के बुलावे पर…

वह तो सात-आठ महीना ट्राई करते रहे। और लोग चाहते भी नहीं थे, मेरे ही कहने पर लोग मान गए। हमने सब लोगों से बात किया, तो सबने कहा कि ठीक है।

कुशवाहा से बातचीत को लेकर…

बहुत अच्छा काम कर रहे थे। अचानक क्या हो गया पता नहीं। एक महीना से मुझसे कोई बात नहीं हुई है उनकी। कोई बात है तो करनी चाहिए। ऐसे तो हर आदमी को अधिकार है बोलने का।

कुशवाहा के वजूद पर।

यह तो उसको भी पता होगा। कहां से शुरू हुआ, कहां गया। कौन पार्टी एमएलए बनाया, कौन पार्टी राज्यसभा में भेजा। कौन पार्टी अभी एमएलसी बनाया। सिर्फ एमपी दूसरे पार्टी से बना।

कुशवाहा के आने-जाने पर…

चले गए, फिर आए। मान लिया। चले गए, फिर आए। मान लिया। वह अलग चीज है। हमको तो आश्चर्य लग रहा। हम तो इतना प्रेम करते हैं। इतना हमारा स्नेह है। कोई चला भी जाता है तो हमको क्या मतलब है। जाओ भाई जहां जाना है।

कुशवाहा के ताजा रवैए में भाजपा की भूमिका पर…

हम 43 हारे तो दुख तो था ही, उन्हें (कुशवाहा को) नहीं पता था कि कम सीट कम मिली। कम मिलने पर भी आए। और, कम क्यों मिली। इसलिए मिली कि हम जिनके (भाजपा पर निशाना) साथ थे, वह एक वोट नहीं दिए और हमारा सारा वोट उनको मिला।

कुशवाहा से बातचीत करेंगे कि नहीं…

हम तो इज्जत करने वाले हैं। कोई लिख रहे हैं, पीसी (संवाददाता सम्मेलन) कर रहे हैं। बात करना चाहें तो हम क्यों नहीं करेंगे। यह बात अब आगे मत पूछिए। उनके बारे में उन्हीं से पूछिए। अभी के बाद पूछिएगा तो प्रणाम कर लेंगे।

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