Home Bihar BIHAR: आफताब, जुबेर, शशिकांत, सुनील हाजिर हो…गया में माओवादियों ने चिपकाया पोस्टर, नियुक्तियां भी करेंगे

BIHAR: आफताब, जुबेर, शशिकांत, सुनील हाजिर हो…गया में माओवादियों ने चिपकाया पोस्टर, नियुक्तियां भी करेंगे

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BIHAR: आफताब, जुबेर, शशिकांत, सुनील हाजिर हो…गया में माओवादियों ने चिपकाया पोस्टर, नियुक्तियां भी करेंगे

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गया में माओवादियों का चिपकाया पोस्टर।

गया में माओवादियों का चिपकाया पोस्टर।
– फोटो : अमर उजाला

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आफताब अंसारी, जुबेर अंसारी, शशिकांत रविदास और सुनील पासवान को हाजिर होने का निर्देश मिला है। कानून के बनाए किसी कोर्ट से नहीं, बल्कि माओवादियों ने पोस्टर के जरिए इन्हें हाजिर होने का निर्देश भेजा है। इसके साथ ही, एलान किया है कि भाकपा (माओवादी) से जुड़ा संगठन पीएलजीए के 19वें स्थापना दिवस पर गांव-गांव में मोर्चा बनाने के लिए नवयुवकों की नियुक्तियां करेगा। गया के डुमरिया में भाकपा माओवादी ने जैसे ही पोस्टर के जरिए स्थापना दिवस मनाने का यह ऐलान किया, क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया।

लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार की बरसी पर पोस्टर
डुमरिया प्रखंड के महुडी पंचायत के प्राथमिक विद्यालय बरवाडीह में भाकपा माओवादी ने बुधवार की रात पोस्टर चिपकाया। यह पोस्टर बिहार में अबतक के सबसे बड़े नरसंहार (लक्ष्मणपुर बाथे) के 25 साल पूरे होने के दिन सामने आया है। इस दिन गया से सटे अरवल में एक घंटे के अंदर पांच दर्जन की जान ले ली गई थी। इस दिन पोस्टर के सामने आने के बाद यह माना जा रहा है कि भाकपा माओवादी एक बार फिर क्षेत्र में सक्रिय हो गई है। क्षेत्र में चोरी, डैकती की घटना बढ़ने से ग्रामीण पहले ही चिंतित है और अब माओवादियों के इस पोस्टर ने लोगों के अंदर खौफ बढ़ा दिया है।

नियुक्तियों के एलान को लेकर चिंता बढ़ी
माओवादी संगठन जंगलों में अपना बसेरा डालने की कोशिश में हैं। कोबरा जवानों की सक्रियता के कारण नक्सल प्रभावित पुराने इलाकों में संगठन का विस्तार खुलकर सामने नहीं आया है। भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता के निधन और गिरफ्तारी के बाद संगठन कमजोर हो चुका है। कहा जा रहा है कि भाकपा माओवादी दुबारा संगठन को मजबूत करने के लिए प्रयासरत है और इसी के क्रम में पोस्टर के जरिए उसने अपनी मंशा जाहिर की है। नौजवानों की नियुक्ति के लिए पोस्टर में लिखना और पुराने ढर्रे पर हाजिर होने का निर्देश देना उसी का एक हिस्सा माना जा रहा है।

विस्तार

आफताब अंसारी, जुबेर अंसारी, शशिकांत रविदास और सुनील पासवान को हाजिर होने का निर्देश मिला है। कानून के बनाए किसी कोर्ट से नहीं, बल्कि माओवादियों ने पोस्टर के जरिए इन्हें हाजिर होने का निर्देश भेजा है। इसके साथ ही, एलान किया है कि भाकपा (माओवादी) से जुड़ा संगठन पीएलजीए के 19वें स्थापना दिवस पर गांव-गांव में मोर्चा बनाने के लिए नवयुवकों की नियुक्तियां करेगा। गया के डुमरिया में भाकपा माओवादी ने जैसे ही पोस्टर के जरिए स्थापना दिवस मनाने का यह ऐलान किया, क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया।

लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार की बरसी पर पोस्टर

डुमरिया प्रखंड के महुडी पंचायत के प्राथमिक विद्यालय बरवाडीह में भाकपा माओवादी ने बुधवार की रात पोस्टर चिपकाया। यह पोस्टर बिहार में अबतक के सबसे बड़े नरसंहार (लक्ष्मणपुर बाथे) के 25 साल पूरे होने के दिन सामने आया है। इस दिन गया से सटे अरवल में एक घंटे के अंदर पांच दर्जन की जान ले ली गई थी। इस दिन पोस्टर के सामने आने के बाद यह माना जा रहा है कि भाकपा माओवादी एक बार फिर क्षेत्र में सक्रिय हो गई है। क्षेत्र में चोरी, डैकती की घटना बढ़ने से ग्रामीण पहले ही चिंतित है और अब माओवादियों के इस पोस्टर ने लोगों के अंदर खौफ बढ़ा दिया है।

नियुक्तियों के एलान को लेकर चिंता बढ़ी

माओवादी संगठन जंगलों में अपना बसेरा डालने की कोशिश में हैं। कोबरा जवानों की सक्रियता के कारण नक्सल प्रभावित पुराने इलाकों में संगठन का विस्तार खुलकर सामने नहीं आया है। भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता के निधन और गिरफ्तारी के बाद संगठन कमजोर हो चुका है। कहा जा रहा है कि भाकपा माओवादी दुबारा संगठन को मजबूत करने के लिए प्रयासरत है और इसी के क्रम में पोस्टर के जरिए उसने अपनी मंशा जाहिर की है। नौजवानों की नियुक्ति के लिए पोस्टर में लिखना और पुराने ढर्रे पर हाजिर होने का निर्देश देना उसी का एक हिस्सा माना जा रहा है।



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