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बिहार की राजधानी पटना में स्थित अंग्रेजों के शासनकाल में बनाए गए पटना के जिलाधिकारी कार्यालय भवन को बुधवार को ध्वस्त कर दिया गया है। यह इमारत सदियों पुराने आयुक्तालय परिसर की हिस्सा थी। इतना ही नहीं, इसे फिल्म ‘गांधी’ में दिखाया गया था। गौरतलब है कि गांधी फिल्म को ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
पटना जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए इस कदम का पटना के लोग विरोध कर रहे थे। जानकारी के मुताबिक, करीब दो दिन पहले इस ऐतिहासिक दो मंजिला इमारत को बुलडोजर की मदद से ध्वस्त कर दिया। पटना प्रशासन का कहना है कि इसे बिहार सरकार की पुनर्विकास योजना के तहत ध्वस्त किया गया है। इसकी जगह पर नई बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा।
अंग्रेजों के जमाने के पटना जिलाधिकारी कार्यालय का निर्माण 20वीं सदी की शुरुआत में कराया गया था। गौरतलब है कि 13 मई को उच्चतम न्यायालय ने विरासत संगठन इनटैक की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें पटना के आयुक्तालय कार्यालय की इमारत को ध्वस्त करने के फैसले को चुनौती दी गई थी। संगठन वर्ष 2019 से ही इस इमारत को बचाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहा था।
बता दें कि पटना प्रशासन ने आयुक्तालय परिसर में मौजूद इस इमारत को चरणबद्ध तरीके से गिराने की घोषणा की थी। जिसके बाद लोगों ने अधिकारियों से अपील की थी वे ऐतिहासिक कलाकृतियों जैसे पुरानी तिजोरी, घड़ी, फर्नीचर, बत्तियां, घुमावदार सीढ़ी, पुरानी स्टीम रोलर और बहुत ही पुराने प्रिंटिंग मशीन को सुरक्षित रखा जाए।
वहीं, लोगों द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि आयुक्तालय कार्यालय में स्थित इस इमारत को 24 जून से ही गिराया जाना शुरू कर दिया गया था। यहां यह भी ध्यान देने योग्य है कि उसी दिन, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गत शुक्रवार को 3,831 करोड़ रू की लागत से तैयार ‘जेपी गंगा पथ’ को आम लोगों के लिए खोला था जिसे पटना का मरीन ड्राइव बताया जा रहा है।
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