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दरभंगा. बनारस स्थित BHU के बाद अब दरभंगा के ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी कैम्पस में भी इफ्तार पार्टी और अजान पढ़ने को लेकर मामला गरमा गया है. दरअसल दरभंगा ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी में इफ्तार पार्टी का आयोजन 26 अप्रैल को किया गया था. इस कार्यक्रम का आयोजन जदयू नेता इमामुल हक ने किया था. इफ्तार पार्टी के तीन दिन बाद अचानक से बड़ी तेजी में नमाज पढ़ने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने लगा. वायरल वीडियो पर सवाल भी उठने लगे हैं. पूरा मामला सामने आया तब अब सभी लोग सफाई दे रहे हैं वही बीजेपी पूरे मामले में हमलावर है.
दरभंगा नगर से बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने इस इफ्तार पार्टी पर न सिर्फ कड़ी आपत्ति जाहिर की बल्कि शिक्षा के केन्द्र को धार्मिक स्थल बनाने की बात कह यूनिवर्सिटी के कुलपति और कुलसचिव को भी कटघरे में खड़ा किया है. शिक्षन संस्थान में अजान और इफ्तार से गुस्साये विधायक जी पूरे मामले में बेहद गंभीर हैं और उन्होंने मामले की शिकायत महामहिम राज्यपाल से भी लिखित करने की बात कही है.
कुलपति और कुलसचिव पर सवाल
विधायक ने विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ-साथ यहां के रजिस्ट्रार डाक्टर मुश्ताक अहमद की कार्यशैली पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उन पर इससे पहले भी कई तरह के गंभीर आरोप है. रजिस्ट्रार ने कहा इस मामले में ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डाक्टर मुश्ताक अहमद ने विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से सफाई देते हुए कहा कि यहां दावत-ए-इफ्तार पार्टी का आयोजन विश्विद्यालय प्रशासन की तरफ से नहीं किया गया था और इससे यूनिवर्सिटी का कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने यह जरूर माना कि यह आयोजन कुछ छात्रों की तरफ से किया गया था लेकिन इसकी जानकरी उन्हें नहीं थी. उन्होंने नमाज पर भी अपनी दलील देते हुए कहा कि जुम्मे की नमाज शीर्ष मस्जिदों में ही पढ़ी जाती है ऐसे में यह आरोप गलत मानसिकता के लोग गलत सोच के साथ कर रहे हैं.
विश्विद्यालय के सिंडिकेट सदस्य ने कहा
वहीं विश्विद्यालय के सिंडिकेट सदस्य मीना झा ने भी यूनिवर्सिटी प्रशासन पर सवाल उठाए सवाल उठाते हुए कहा कि अगर शैक्षणिक संस्थान में इफ्तार होगा तो यहां दुर्गा पूजा और हनुमान चालीसा का भी आयोजन करने की अनुमति कुलपति और कुलसचिव से मांगी है. उन्होंने दोनों अधिकारियों पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनका घर बगल में है. यूनिवर्सिटी में सिंडिकेट की सदस्य हैं कभी भी इस कैम्पस में इफ्तार पार्टी नहीं हुआ. इसकी सूचना भी इन्हें नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि कुलपति और कुलसचिव एक धर्म के लोगों को बढ़ावा दूसरे धर्मो के पूजा पाठ पर रोक लगा संप्रदाय झगड़ा लगाना चाहते हैं.
आयोजन कर्त्ता ने कहा
इफ्तार पार्टी के आयोजन कर्त्ता सह जदयू नेता इंजम्मुल हक ने इस मामले में कहा कि विश्विद्यालय प्रशासन के आदेश के बाद ही यूनिवर्सिटी में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया था. इसके लिए उन्होंने लिखित रूप से भू-संपदा पदाधिकारी को सूचना भी दी थी और इस इफ्तार पार्टी में कई नेता के अलावा यूनिवर्सिटी के कई कर्मचारी और अधिकारी भी शामिल हुए. उन्होंने इफ्तार पार्टी आयोजन पर सवाल उठाने वालें को समाज मे नफरत फैलाने वाला बताया साथ ही कहा कि हमने सभी धर्मों का हमेशा सम्मान किया है और होली दिवाली के साथ ईद और इफ्तार का भी आयोजन किया है. उन्होंने इफ्तार और नमाज पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि इफ्तार के बाद तुरंत नमाज पढ़ने की परम्परा है, यही कारण है कि इफ्तार के बाद तुरंत वहा नमाज भी अदा की गयी.
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पहले प्रकाशित : मई 01, 2022, 11:26 IST
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