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रिपोर्ट: आलोक कुमार भारती
भोजपुर: आरा के सरकारी बस स्टैंड की हालत कई सालों से बदतर है. स्टैंड की हालत तो खराब है ही, यहां से चलने वाली ज्यादातर बसें भी जर्जर हैं. हालांकि, ऐसी बसों में सफर करने को मजबूर यात्रियों से किराया तो पूरा वसूला जाता है, लेकिन सुविधाओं के नाम न तो उन्हें बैठने के लिए अच्छी सीट की व्यवस्था है और न ही इन बसों में सुरक्षा के कोई इंतजाम.
वहीं, आरा बस स्टैंड पर बुनियादी सुविधाओं का ही अभाव है. यहां आने वाले यात्रियों को पेयजल और शौचालय जैसी सुविधाओं के लिए भी परेशान होना पड़ता है. यह बस स्टैंड अब तक स्मार्ट नहीं बन पाया है. इस कारण लोगों की परेशानी कम नहीं हो रही है. बिहार राज्य पथ परिवहन निगम भी इस बस स्टैंड की ओर ध्यान नहीं दे रहा है.
कर्मचारी भी डरे-सहमे
आरा के डिपो सुपरिटेंडेंट विजेंद्र सिंह ने बताया कि राजस्व के मामले में हमने बीते वर्ष नवंबर महीने में 10 लाख 26 हजार, दिसंबर महीने में 9 लाख 55 हजार रुपये का राजस्व सरकार को दिया था. इसके बावजूद यहां रहने के लिए एक अच्छा भवन तक नहीं है. जर्जर भवन में हम सभी कर्मचारी डरे-सहमे काम करते हैं. यहां तक कि स्टैंड पर कोई शौचालय नहीं है. यात्रियों के साथ कर्मचारी भी मजबूरी में दूर जाकर शौचालय का इस्तेमाल करते हैं. जर्जर भवन व जर्जर बस की सूचना विभाग को दी गई है. उधर से अभी तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है.
कई महीनों से कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन
यात्री विष्णुदेव उपाध्याय ने बताया कि कभी-कभी वह सरकारी बस स्टैंड से छपरा तक का सफर करते हैं. लेकिन, बस स्टैंड में यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है. बसें भी जर्जर हैं. वहीं, क्लर्क श्याम बाबू ने बताया कि डिपो में कुल 10 कर्मचारी हैं, जिनमें 2 क्लर्क, 2 स्टोर क्लर्क, 2 वाउचर चेकर, 1 मैकेनिक, 3 सफाई कर्मी के साथ संविदा पर 6 ड्राइवर, आउटसोर्सिंग से 5 ड्राइवर व 8 कंडक्टर हैं. पिछले अक्टूबर महीने से इन कर्मचारियों को वेतन तक नहीं मिला है, जिससे ये सभी आक्रोशित हैं.
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टैग: Bhojpur news, बिहार के समाचार, परिवहन विभाग
पहले प्रकाशित : 29 जनवरी, 2023, शाम 7:21 बजे IST
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