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ऐसे शुरू हुआ बवाल?
- होली का समय था और दिन के करीब 10-11 या बज रहे थे।
- इसी दौरान बेतिया के बलथर थाना इलाके की पुलिस टीम थाने के नजदीक के ही गांव आर्या नगर पहुंची।
- हालांकि अभी पुलिस कुछ स्पष्ट नहीं बता रही कि खबर किसने दी।
- खबर थी कि गांव में कुछ नौजवान डीजे बजा कर नाच गाना कर रहे हैं।
- लेकिन जिले में होली के दिन डीजे पर प्रशासन ने रोक लगा रखा था और ये आदेश जिलाधिकारी की तरफ से था।
- सूत्र बता रहे हैं कि कहीं से इसकी खबर थाने को दी गई।
- इसके बाद पुलिस की वो टीम अनिरुद्ध यादव को उठाकर थाने लौट गई।
- आरोप था कि अनिरुद्ध ही डीजे बजा रहा था।
- लेकिन दोपहर 3 बजे ये खबर जंगल में आग की तरह फैल गई कि युवक को हाजत में पुलिस ने पीटा और इसी वजह से उसकी मौत हो गई
- इसके बाद उपद्रव शुरू हो गया।
शाम 4 बजे भीड़ ने कर लिया पूरे इलाके पर कब्जा
शाम के करीब 4 बजे के आसपास भीड़ ने सिर्फ थाना ही नहीं बल्कि पूरा इलाका घेर लिया। हाल ये था कि सड़क पर जिधर देखिए उधर उपद्रवी नजर आ रहे थे। इस दौरान सामने चाहे पुलिस की गाड़ी हो या खुद पुलिसवाले, भीड़ ने उसे अपना निशाना बना लिया। भीड़ ने इसी दौरान एक पुलिस जीप को घेर लिया, उपद्रवियों की नीयत भांप उसमें मौजूद पुलिस वाले जान बचाकर मौके से भाग निकले। इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कि कैसे भीड़ ने खाली पुलिस जीप को सड़क पर घेर रखा है।
थाने में हवलदार की मॉब लिन्चिंग
इसके बाद उपद्रवियों की भीड़ थाने की तरफ बढ़ गई। लेकिन इससे पहले ही मौके से भागकर थाने पहुंचे पुलिसवालों ने सारी बातें थाने के बाकी कर्मचारियों को बता दी थी। दूर से ही उपद्रवियों की भीड़ देख थाने में मौजूद पुलिसवालों को ये साफ पता चल गया कि उनसे निपटना फिलहाल इतनी कम फोर्स के हाथ में नहीं है, लिहाजा सभी पुलिसकर्मी थाना छोड़ फरार हो गए।
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लेकिन थाने में मौजूद एक हवलदार राम जतन सिंह खुशकिस्मत नहीं निकले। उन्हें भीड़ ने थाने के कैम्पस में ही घेर लिया और पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया। इस मामले का सबसे दर्दनाक पहलू ये है कि जिन हवलदार राम जतन सिंह की मौत हुई है वे पुरुषोत्तमपुर थाना में तैनात थे, लेकिन वहां रहने की व्यवस्था नहीं थी। इसलिए वो बगल के बलथर थाने के कैम्पस में ही रहते थे। जब ग्रामीणों ने थाने पर हमला किया तो वो वहीं मौजूद थे। उनकी न तो इस पूरी घटना में कोई भूमिका थी और न ही उस थाने में तैनाती। लेकिन उपद्रवियों ने उन्हें ही मार डाला। इसके बाद तीन घंटे तक बलथर इलाका हिंसा की आग में जलता रहा। देखिए कैसे भीड़ ने खदेड़ा था एक और पुलिसवाले को, जो किस्मत से बच निकले।
भीड़ ने कई गाड़ियों को भी फूंक डाला
बेतिया के एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा के मुताबिक भीड़ ने इस दौरान कुल 6 गाड़ियों को अपना निशाना बनाया और उन्हें आग के हवाले कर दिया। इनमें तीन गाड़ियां थाने की थीं। जबकि भीड़ के हत्थे चढ़ी बाकी गाड़ियों में एक गाड़ी फायर ब्रिगेड की, एक मालखाना की गाड़ी और दो प्राइवेट गाड़ी जिसमें एक सर्किल इंस्पेक्टर की थी।
क्या कहना है पुलिस का
- कुछ लोग डीजे बजा रहे थे, उन्हें बलथर थाने लाया गया था।
- थाने के कैम्पस में ही मधुमक्खियों ने छत्ता लगा रखा था, इन्हीं ने आरोपी को काट लिया
- इसके बाद थाने की टीम आरोपी को फौरन इलाज के लिए सिकटा पीएचसी ले जाया गया
- जिसमें समय मधुमक्खियों ने काटा उस वक्त युवक के जानने वाले और उसी गांव के कई लोग वहां मौजूद थे- SP
- पुलिस की पिटाई से मौत का भ्रम फैलाया गया- SP
क्या कहना है गांववालों का
गांववालों के मुताबिक दोपहर 3 बजे के आसपास वो लोग अनिरुद्ध को छुड़ाने के लिए बलथर थाने पहुंचे। तब उन्हें पता चला कि अनिरुद्ध की मौत हो गई।लेकिन गांववालों का कहना है कि कस्टडी में अनिरुद्ध की बेरहमी से पिटाई की गई और बंदूक की बट से उसके सिर पर मारा गया। जिससे उसकी मौत हो गई, दिखावे के लिए पुलिस उसे अस्पताल ले कर गई।
एसपी के साथ दो हजार पुलिस जवानों ने संभाला मोर्चा
हालात बुरी तरह से बिगड़ चुके थे। मौके पर पहुंची सिकटा और कंगली थाने की पुलिस भी उपद्रवियों की भीड़ के आगे नहीं टिक पाई, हाल ये हो गया कि एसएसबी जवानों के मौके पर आते ही भीड़ ने उन्हें भी खदेड़ कर पीछे ढकेल दिया। हालात बिगड़ते जा रहे थे और थाने समेत पूरे इलाके पर भीड़ ने कब्जा कर लिया था। इसके बाद बेतिया एसपी अपने साथ करीब 2 हजार पुलिसवालों की भारी फोर्स लेकर मौके पर पहुंचे और फिर जाकर इलाके को पुलिस कंट्रोल में ले सकी।
अब का हाल जानिए
एसपी के साथ पहुंची टीम ने देर रात मृतक अनिरुद्ध का पोस्टमार्टम कराया। ये पोस्टमार्टम दंडाधिकारी की देखरेख में कराया गया और इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई गई ताकि बाद में कोई सवाल न उठे। इसके साथ ही पुलिस ने हवलदार राम जतन सिंह की मॉब लिन्चिंग, थाने पर हमले के मामले में पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी। इसके लिए आरोपियों को पकड़ने के लिए देर रात तक छापेमारी चली और इस दौरान पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के दौरान बेतिया उपद्रव की आग में जलता रहा।
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